गोपाल लोहार
उदयपुर। राजस्थान में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या राज्य सरकार और कानून-व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बन गई है। डिजिटल दुनिया के तेजी से विस्तार और इंटरनेट का व्यापक उपयोग होने के साथ, साइबर अपराधों में भी इजाफा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में साइबर अपराधों में भारी वृद्धि देखी गई है, जिसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न, और निजी जानकारी की चोरी जैसे अपराध प्रमुख हैं।
साइबर क्राइम के बढ़ते आंकड़े : राजस्थान पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पिछले साल साइबर अपराधों में लगभग 20% की वृद्धि दर्ज की गई है। साल 2024 में 11 माह के दौरान में राजस्थान में 19 हजार से अधिक साइबर अपराध की घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2023 की तुलना में सात हजार अधिक हैं। इन अपराधों में प्रमुख रूप से ऑनलाइन ठगी, बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया से जुड़ी धोखाधड़ी, और व्यक्तिगत जानकारी की चोरी शामिल हैं।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों में सबसे बड़ा योगदान वित्तीय धोखाधड़ी का है। डिजिटल भुगतान, बैंकिंग ट्रांजेक्शंस और ऑनलाइन खरीदारी के कारण लोगों का निजी और वित्तीय डेटा अधिक संवेदनशील हो गया है, जिससे धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान में पिछले साल 3,500 से अधिक बैंकिंग फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए, जिनमें लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई।
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर महिलाओं और बच्चों से संबंधित साइबर अपराधों में भी भारी वृद्धि देखी गई है। ऑनलाइन उत्पीड़न, हैरासमेंट, और छवि चोरी जैसे अपराधों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से शिकायतें आईं हैं।
राजस्थान में प्रमुख साइबर क्राइम के प्रकार : ऑनलाइन ठगी (Phishing): इंटरनेट पर विभिन्न नकली लिंक, वेबसाइट और ईमेल के माध्यम से बैंक खाता जानकारी और व्यक्तिगत डेटा चुराने की घटनाएं आम हो गई हैं। साइबर अपराधी लोगों को धोखा देकर उनकी वित्तीय जानकारी चुराते हैं।
ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी: राजस्थान में बैंकिंग फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं, जिसमें लोग इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स लोगों के खाते में सेंध लगाने के लिए फर्जी कॉल, मैसेज और लिंक भेजते हैं।
सोशल मीडिया उत्पीड़न (Cyberbullying): महिलाओं और युवाओं को सोशल मीडिया पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। उनकी निजी जानकारी चुराकर या अवैध रूप से तस्वीरें व वीडियो अपलोड करके शोषण किया जाता है।
हैकिंग और डेटा चोरी: कुछ अपराधी बड़े संगठनों और सरकारी विभागों की वेबसाइट्स और सिस्टम्स को हैक करते हैं, और उनमें से संवेदनशील जानकारी चुराते हैं।
राजस्थान सरकार के उपाय और प्रतिक्रिया : राजस्थान सरकार साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठा रही है। राज्य पुलिस ने साइबर क्राइम यूनिट का गठन किया है, जो इन अपराधों के निवारण और जांच में सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसके अलावा, राज्य में नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेष साइबर हेल्पलाइन और हेल्प डेस्क भी स्थापित किए गए हैं। इसके तहत लोग अपने साइबर अपराधों की शिकायत आसानी से दर्ज करवा सकते हैं। सरकार ने साइबर अपराध के खिलाफ कठोर कानून बनाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं, ताकि अपराधियों को सख्त सजा मिल सके।
नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता : राजस्थान में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए नागरिकों को सतर्क रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डेटा और सोशल मीडिया खाता जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए और ऑनलाइन लेन-देन के दौरान सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध लिंक, ईमेल या कॉल से बचना चाहिए और अवांछनीय गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को देनी चाहिए।