-सिलिकोसिस उन्मूलन के लिए मिशन मोड पर चले अभियान
-अकार्यशील खदानों के पुनः संचालन की बनेगी कार्ययोजना, नियमानुसार कार्यवाही कर होगी नीलामी
-सिल्वर और जिंक लेड की सबसे बड़ी खदानें राजस्थान में
जयपुर, 9 जनवरी। केन्द्रीय खान सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने कहा है कि सिल्वर और जिंक लेड की विश्व की सबसे बड़ी खदानें राजस्थान में है। उन्होंने राजस्थान में मेजर और माअनर मिनरल माइंस के एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन और माइनिंग क्षेत्र में हो रहे कार्यों की सराहना करते हुए नए नए माइनिंग ब्लॉक्स तैयार कर और अधिक नीलामी की आवश्यकता प्रतिपादित की है। माइनर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी से रोजगार, आय और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने बताया कि दुनिया में भारत अकेला देश है जहां माइनिंग खानों का आवंटन नीलामी से किया जाता है।
खान सचिव श्री विवेक भारद्वाज सोमवार को सचिवालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल के साथ माइंस, जीएसआई, एमईसील और आइबीएम आदि के साथ राजस्थान में माइनिंग क्षेत्र की गतिविधियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होेंंने कहा कि राजस्थान में सिलिकोसिस उन्मूलन के लिए मिशन मोड़ पर अभियान चलाया जाए ताकि प्रदेश में टीबी जैसी अन्य बीमारियों की तरह इसे भी जड़मूल से समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि माइनिंग क्षेत्र में राजस्थान में लगातार अछा काम हो रहा है पर अभी भी जीएसआई, एमईसीएल, आईबीएम व विभाग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है ताकि ओवरलेपिंग व अरावली या निषिद्ध क्षेत्र में अनावश्यक रुप से एक्सप्लोरेशन कर श्रम व समय को बचाया जा सके।
श्री भारद्वाज ने पुरातात्विक स्थानों की तरह राजस्थान के जियो हेरिटेज साइट्स के संरक्षण की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार ने समूचे देश की जियो हेरिटेज संरक्षण के लिए कानून का मसौदा तैयार कर पब्लिक डोमेन पर प्रदर्शित कर दिया है। उन्होंने विश्वाास दिलाया कि गारनेट के आक्शन सहित राजस्थान माइनिंग क्षेत्र से जुड़े अन्य बिन्दुओं पर सकारात्मक सोच के साथ शीघ्र निर्णय किया जाएगा।
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में कार्य नहीं कर रही 107 माइंस में से 33 माइंस पुनः आरंभ करवाया गया है वहीं 26 माइंस की लीज रद्द कर पुनः ऑक्शन की तैयारी की जा रही है। इसी तरह की अन्य माइंस की नियामानुसार रद्द करने की कार्यबाही कर पुनः ऑक्शन की कार्यवाही की जाएगी ताकि इन माइंस में खनिज उत्पादन आरंभ हो सके। उन्होेंने बताया कि प्रदेश मेें मेजर मिनरल लाइमस्टोन, आयरन ओर, मैगनिज ओर आदि कीं बहुत कम समय में 22 माइंस की सफलतापूव्र्रक नीलामी की गई है। प्रदेश में 192 प्रतिशत से भी अधिक प्रीमियम पर माइंस की नीलामी का सर्वाधिक प्रीमियम पर ऑक्शन का राष्ट्रीय रेकार्ड बनाया गया है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार के सामने अवैध खनन और माइंस सेफ्टी को लेकर बड़ी समस्या है जिसे दूर करने के लिए एक और अभियान चलाकर अवैध खनन गतिविधियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही हैं वहीं सिलिकोसिस ग्रस्त नागरिकों के लिए दवा आदि के साथ ही स्वास्थ्य जांच व अवेयरनेस जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सिलिकोसिस उन्मूलन के लिए मिशन मोड़ पर अभियान चलाया जाएगा।
एसीएस अग्रवाल ने गारनेट, लाइमस्टोन, पोटाश आदि के ब्लॉक ऑक्शन के लिए आवश्यक अनुमतियां जारी कराने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से रेगिस्तानी जिला जैसलमेर निकट भविष्य में देश का सबसे बड़ा सीमेंट हब बनने जा रहा है। इसी तरह से आरएसएमईटी के माध्यम से ड्रिलिंग व सेंपल एनालिसिस के काम को गति दी जा रही है ताकि जल्दी से जल्दी ब्लॉक तैयार कर उन्हें नीलाम कर अवैध खनन पर रोक, रोजगार के अवसर और राजस्व में बढ़ोतरी हो सके।
अतिरिक्त सचिव माइंस भारत सरकार डॉ. वीणा के धरमल ने बताया कि राजस्थान से जुड़े बिन्दुओं पर प्राथमिकता से कार्यवाही की जा रही है।
निदेशक माइंस श्री संदेश नायक ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से राजस्थान के माइनिंग क्षेत्र की प्रगति व केन्द्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन बिन्दुओं से अवगत कराया।
बैठक मे उप सचिव माइंस भारत सरकार श्री धीरज कुमार, डीएस माइंस नीतू बारुपाल, जीएसआई डॉ. एसके कुलश्रेष्ठ, श्री आरजे सिंह, श्री विवेक शर्मा, एमईसीएल से श्री कुलकर्णी, आईबीएम से श्री जीके जांगिड़, एसओ माइंस भारत सरकार श्री अवधेश कुमार सहित विभाग व संबंधित संस्थाओं के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।