उदयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जातिगत आरक्षण के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि आरक्षण रिफार्म की बात उठती है लेकिन जब तक जातिगत जनगणना नहीं होती तब तक आरक्षण रिफार्म किस तरह किया जा सकता। मुख्यमंत्री मंगलवार को उदयपुर सर्किट हाउस से डूंगरपुर जाने से पहले मीडिया के पूछे सवालों का जबाव देे रहे थे।
गहलोत ने कहा कि आरक्षण रिफार्म को लेकर वह जातिगत आरक्षण के लिए कई बार प्रधानमंत्री को चिट्टी लिख चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री को इसके लिए पत्र लिखा है।
भाजपा राज में 72 गुर्जर मारे गए लेकिन आरक्षण नहीं दिया
मुख्यमंत्री गहलोत ने आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के राज में 72 गुर्जर मारे गए थे। लेकिन उन्होंने गुर्जरों को आरक्षण नहीं दिया। जब हमारा शासन आया तो हमने उन्हें 5 प्रतिशत आरक्षण दिया। फायरिंग की बात तो दूर, हमने लाठीचार्ज तक नहीं किया। भाई चारे और प्यार से ऐसी स्थिति बना दी कि गुर्जरों को पटरियों से उठना पड़ा और उन्हें आरक्षण भी मिला।
कांग्रेस ही है, जिसने आरक्षण दिया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले, जब वह 1998 में पहली बार प्रदेश के सीएम बने तब ओबीसी को 21 प्रतिशत आरक्षण मिला। उन्होंने ही अनुसूचित जाति—एससी को 8 से बढ़ाकर 16 फीसदी तथा अनुसूचित जनजाति—एसटी को 6 से बढ़ाकर 12 फीसदी आरक्षण दिया था। एमबीसी को भी 5 फीसदी आरक्षण भी हमने दिया। आगे बढ़ोतरी होगी तो हमारे ही शासन काल में होगी।
हम नहीं बंद करते बीजेपी की स्कीम, ये बंद करते आ रहे
मुख्यमंत्री गहलोत बोले- सत्ता में आते ही भाजपा कांग्रेस की चलाई गई स्कीम बंद कर देती है, जबकि हम ऐसा नहीं करते। भाजपा ने सत्ता में आते ही रिफायनरी बंद कर दी, जिसका परिणाम यह रहा जो काम 40 हजार करोड़ का था, वह अब 72 हजार करोड़ में पूरा होगा। हमने केदारनाथ-बद्रीनाथ में प्राकृतिक आपदा में मारे गए 20 परिवारों के आश्रितों को योजना बनाकर नौकरी दी थी। सरकारी बदली तो बीजेपी ने उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया। हमने महंगाई राहत कैम्प शुरू किए लेकिन भाजपा नेताओं को यह रास नहीं आ रहा। जनता का फायदा उन्हें पसंद नहीं आ रहा। महंगाई राहत कैंप के जरिए प्रदेश के 5.50 लाख लोगों के गारंटी कार्ड बन चुके हैं। डूंगरपुर जाने से पहले मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई की थी। लोगों की समस्याएं सुनने के बाद अधिकारियों को समाधान के भी निर्देश दिए।
जातिगत जनगणना के पक्ष में मुख्यमंत्री गहलोत, बोले आरक्षण रिफार्म पर के लिए यह जरूरी
