राजसमंद। राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार करने हेतु दिनांक 01.02.2023 को समय 04ः00. पीएम पर श्री आलोक सुरोलिया , अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन जिला एवं सेशन न्यायाधीश के अवकाशगार में किया गया। श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमन्द ने बताया कि उक्त बैठक में प्राप्त 16 आवेदन पत्रों पर गहन विचार विमर्श करने हेतु कमेटी के समक्ष रखे गये जिनमे से 12 पोक्सो, बलात्कार इत्यादि प्रकरणों में 24,00000( चोैब्बीस लाख) रू की पीड़ित प्रतिकर राशि स्वीकृत की गयी एवं 4 आवेदन को निरस्त किया गया। उन्होंने बताया कि राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 के अन्तर्गत हत्या, बलात्कार, लूट, एसिड अटैक आदि अपराध के परिणाम स्वरूप हानि या क्षति से ग्रस्त व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु धारा 357क दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 एवं राजस्थान सरकार द्वारा लागू की गई इस स्कीम के अन्तर्गत ‘‘पीड़ित प्रतिकर निधि’’ के नाम से एक निधि का गठन किया गया है, जिसके तहत इस प्रकार के अपराध से पीडित पक्ष को अधिकतम 05 लाख रूपये तक की राशि प्रतिकर/पुनर्वास हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाती है। ऐसे मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के उपरांत तत्काल अंतरिम सहायता प्रदान किये जाने के भी प्रावधान है। उक्त बैठक में कमेटी के सदस्य श्री संतोष मितल, न्यायाधीश ,पारिवारिक न्यायालय,श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री जितेन्द्र गोयल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्ेट, श्री दिनेश राय सापेला, उपखण्ड अधिकारी एवं श्री शिवलाल बैरवा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, श्री हर्षवर्धन सिंह राठौड़, अध्यक्ष बार एसोसिएशन, श्री जयदेव कच्छावा, लोक अभियोजक उपस्थित रहें।
लिगल एड डिफेंस काउंसेल के माध्यम से मिली जमानत
जिला मुख्यालय, राजसमन्द पर इस वर्ष प्रारम्भ हुए लीगल एड डिफेंस काउंसेल कार्यालय में फौजदारी प्रकरणों में प्रदत्त की गई विधिक सहायता के तहत अभियुक्त की ओर से चीफ/असिस्टेंट लीगल एड काउंसेल द्वारा डिफेंस लाॅयर के रूप में की निःशुल्क पैरवी की जा रही है। इसी क्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्ेट, न्यायालय में विचाराधीन एक प्रकरण में श्री नारायण लाल तेली, चीफ लिगल एड काउंसिल द्वारा अभियुक्त की ओर पैरवी करते हुये जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सेशन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त की जमानत स्वीकार की गयी है। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त दिनांक 29.03.2022 से न्यायिक अभिरक्षा में होने के कारण कारागृह में निरूद्ध था।
जिला मुख्यालय, राजसमन्द पर इस वर्ष प्रारम्भ हुए लीगल एड डिफेंस काउंसेल कार्यालय में फौजदारी प्रकरणों में प्रदत्त की गई विधिक सहायता के तहत अभियुक्त की ओर से चीफ/असिस्टेंट लीगल एड काउंसेल द्वारा डिफेंस लाॅयर के रूप में की निःशुल्क पैरवी की जा रही है। इसी क्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्ेट, न्यायालय में विचाराधीन एक प्रकरण में श्री नारायण लाल तेली, चीफ लिगल एड काउंसिल द्वारा अभियुक्त की ओर पैरवी करते हुये जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सेशन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त की जमानत स्वीकार की गयी है। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त दिनांक 29.03.2022 से न्यायिक अभिरक्षा में होने के कारण कारागृह में निरूद्ध था।