विधायक उमेश मीणा विधानसभा में उठाया मिलावटी पोषाहार देने का मामला 

-पलायन को रोकने के लिए बंद पड़ी मील को शुरू करने की मांग
– खेलों में बढ़ावा देने के लिए हर ग्राम पंचायत में खेल मैदान की मांग 

डूंगरपुर, 24 जुलाई (ब्यूरो)। विधानसभा में आसपुर विधायक उमेश मीणा ने अनुदान की मांगो के दौरान अनुसूचित क्षेत्र में महिलाओं एवं बालको को दिए जा रहे पोषाहार में घटिया किस्म और मिलावटी पोषाहार देने की बात कही है। विधायक उमेश मीणा

पोषाहार के गुणवंता की जांच करने की मांग की है। वहीं, विधायक ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों को राज्य सरकारी कर्मचारी घोषित किये जाने और प्रतिमाह 18 हज़ार रूपए वेतन देने की मांग उठाई है।

खिलाड़ियों के लिए अभ्यास नहीं है खेल मैदान –विधायक उमेश मीणा ने विधानसभा में कहा कि, आदिवासी बहुल क्षेत्र से कई खिलाड़ी जिला स्तरीय लेवल, एवं अन्तराष्ट्रीय लेवल पर भी गए हुए है। लेकिन इन खिलाड़ीयों को अभ्यास करने के बेहतर खेल मैदान नहीं मिलता है। क्षेत्र के बुजुर्ग कहते है कि युवा आज की भटक रहा है शाम होते ही शराब के ठैकों पर युवा नजर आते है जिसपर विधायक उमेश मीणा ने कहां की यदि ग्राम पंचायत लेवल पर खेल मैदान होते है तो युवा शाम होते ही शराब के ठैकों के बजाय खेल के मैदान में नजर आएगा। इसको लेकर विधायक ने साबला, आसपुर एवं दोवड़ा में मीनी स्टेडियम खोलने की मांग की है।

खाखरे व महुए के पत्ते से बने बाजे-दोन्दे सरकार दे एक रुपया अनुदान –विधायक उमेश मीणा ने रोजगार पर जोर देते हुए कहां की डूंगरपुर जिले के अधिकांश युवा रोजगार हेतु गुजरात, मध्य प्रदेश जाते है यदि डंूगरपुर जिले में पुरानी बन्द पड़ी हुई मील को पुनः चालु कराया जाता है तो 5 हज़ार से अधिक युवाओं को अपने शहर डंूगरपुर में ही रोजगार मील सकेगा एवं विधानसभा आसपुर के निठाउवा गांव की महिलाएं अपना समय निकाल कर तेन्दु पत्ता का कार्य करती है जिस कार्य सरकार द्वारा 5 हज़ार 500रूपय मिलते है। यहा तेन्दु पत्ता के कार्य के ठेकेदार हर महिला को मुसकिल से 2 हजार रूपय भी नहीं मिल पाते है, जिसपर विधायक उमेश मीणा ने कहां की सरकार इन महिलाओं के लिए स्थानिय ठैकेदार को नियुक्त करे एवं इस मंहगाई के दौर को देखते हुए तेन्दु पत्ते के कार्य की राशि 5500  से बढ़ाकर 10,000 रूपय की जाने की मांग रखी, इसके अलावा विधायक उमेश मीणा ने कहां की हमारे यंहा शादियों में या किसी भी खाने-पीने के कार्यक्रम में प्लास्टीक के बाजे-दोन्दे इस्तेमाल में लिए जाते जो कि प्रकृति के लिए और मनुष्य शरीर के लिए नुकसान देय वस्तु है एवं मेरी विधानसभा का अधिकांश हिस्सा जंगल एरिया है यहां पर ये बाजे-दोन्दे खाखरे एवं महुए के पत्ते से बनाएं जाते है जिससे कोई नुकसान नहीं होता है, इन बाजे-दोन्दे पर जोर देते हुए विधायक उमेश मीणा ने कहां कि इन बाजे-दोन्दे बनाने वाले को सरकार 1/- रूपय दे जिससे रोजगार भी बढ़ेगा और बिमारीयों से भी प्रदेश बचेगा।

By Udaipurviews

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