उदयपुर। होटल एसोसिएशन उदयपुर, बीसीआई टूरिज्म और मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान ने साथ आकर विरासत व पर्यटन हेतु नागदा के ऐतिहासिक मंदिरों में प्री-वेडिंग शूट्स के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), राजस्थान पर्यटन मंत्रालय, और भारत सरकार के पर्यटन मिनिस्टर को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर तत्काल कदम उठाने की मांग की है। इन पत्रों की प्रतियां फोटो सहित स्थानीय और राज्य प्रशासन को भी भेजी गई हैं।
तीनों संस्थानों ने अपने पत्र में कहा है कि नागदा मंदिर, जो भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का अनमोल हिस्सा हैं, प्री-वेडिंग शूट्स के कारण अत्यधिक भीड़भाड़ और व्यावसायीकरण की चपेट में आ रहे हैं। इससे न केवल मंदिरों की पवित्रता और स्थायित्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यटकों के अनुभव पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस परेशानी को गाइड्स, ट्रैवल एजेंट व सभी पर्यटन से जुड़े हितधारकों ने व्यापक रूप से व्यक्त किया है ।
संस्थाओं ने इस समस्या के समाधान के लिए कुछ ठोस सुझाव दिए हैं, जिनमें परमिट प्रणाली, शुल्क संरचना में वृद्धि, समय सीमा निर्धारण, और शूट्स की सख्त निगरानी जैसे कदम शामिल हैं। इन उपायों से पर्यटन और धरोहर संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
संस्थानों का कहना है कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है और इसके लिए सरकार और प्रशासन का त्वरित हस्तक्षेप आवश्यक है। नागदा मंदिरों को व्यावसायीकरण से बचाकर उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन तीनों संस्थाओं से पदाधिकारी के रूप में जुड़े होटल एसोसिएशन उदयपुर उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत ने यह मुद्दा जोड़ शोर से उठाया है। अध्यक्ष सुदर्शन देव सिंह कारोही ने चिंता व्यक्त की और शीघ्र समाधान की आशा जताई। बीसीआई संस्थापक मुकेश माधवानी ने भी इस विषय पर गंभीरता जताई । मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष बालू सिंह कानावत व शहर कार्यकारिणी के चंद्रवीर सिंह करेलिया ने विरासत व पर्यटन के हर कार्य के प्रति प्रतिबद्धता जताई और कहा की संस्थान के ज्यादातर लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं और यह मुद्दा सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।गाइड एसोसिएशन अध्यक्ष दिग्विजय सिंह कांकरवा ने भी इस मुद्दे को अपना समर्थन दिया ।