डूंगरपुर – बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर बीएपी की ऐतिहासिक जीत

मालविया के गढ़ में राजकुमार ने लगाई सेंध :
राजकुमार बने सबसे युवा सांसद

मालविया को राजकुमार ढाई लाख वोटों से हराया

– जुगल कलाल
डूंगरपुर, 04 जून ( ब्यूरो) 8 महीने पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी ने डूंगरपुर – बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर बंपर जीत हासिल की है। बीएपी के राजकुमार रोत ने भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र जीत मालविया को 2 लाख 47 हजार 54 वोट से हराया। कांग्रेस ने यहां पर अंतिम समय पर बीएपी से गठबंधन किया था। जिसका फायदा बीएपी को मिला। कोंग्रेस के सिंबल चुनाव लड़ रहे अरविंद डामोर को 61 हजार 211 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे। राजकुमार रोत को 8 लाख 20 हजार 831 वोट मिले। भाजपा के महेंद्रजीत मालविया को 5 लाख 73 हजार 777 वोट मिले है। वही, राजकुमार के नाम से निर्दलय प्रत्याशी 74 हजार 598 वोट मिले है। जो कि तीसरे स्थान पर है। मतगणना के शुरुवात से राजकुमार बढ़त बनाए हुए थे। जो की आखरी राउंड तक बढ़त बनाने कामयाब हुए। लोकसभा के नितीजे के बाद भाजपा के हैट्रिक का सपना अधूरा रहा है। बीएपी बागीदौरा विधनासभा उपचुनाव  में भी  परचम लहराया। वहा से बीएपी के पार्टी के जय  कृष्ण पटेल 51 हजार 308 वोटो से विजय रहे। उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए सुभाष तंबोलिया हराया। अब जयपुर के बाद दिल्ली में राजकुमार की आवाज़ की गूंज होगी। आदिवासी क्षेत्र में बढ़ते बीएपी के कद से कांग्रेस – बिजेपी के बड़े चिंता का विषय बन गया है। वहीं, राजकुमार रोत डूंगरपुर – बांसवाड़ा सीट पर 31 साल में सांसद बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति है।

मालविया को मात, राजकुमार की ऐतिहासिक जीत  : भाजपा के प्रत्याशी महेंद्रजीत मालविया के हार सिर्फ़ एक हार नही है। उनकी प्रतिष्ठा भी इस चुनाव में दाव पर लगी हुई थी। मालविया 40 सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए थे। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उन्हों बीजेपी का दामन थामा था। उन्हों सांसद का चुनाव लड़ने के लिए बागीदौरा से विधायक पद से इस्तीफा दिया था। ऐसे भाजपा उनसे बड़ी आस लगाकर बैठी थी। ऐसा माना जा रहा था अगर मालविया सफल हुए तो उन्हे बड़ी जिमेदारी मिली सकती है। लेकिन, मालविया असफल हुए। ऐसे में उनके राजनीतिक भविष्य पर क्या होगा उसको लेकर भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। दुसरी तरफ राजकुमार रोत का भविष्य तय लोकसभा सीट के चुनाव के नितीजो से होना था। जिसमें राजकुमार रोत सफल रहें। राजकुमार युवाओं खासी पकड़ रखते है। आदिवासियो के मुद्दे पर हमेशा मुखर रहे है। उन्हें यूथ आइकॉन के तौर देखा जाता है। अब राजकुमार दिल्ली में जाकर वागड़ की आवाज़ बनेंगे।

मालवीया के गढ़ बागीदौरा में उपचुनाव में बीएपी ने दी मात : कोंग्रेस का गढ़ रहे बागीदौरा विधानसभा सीट पर गत विधानसभा चुनाव पर दूसरे नंबर रहने वाले बीएपी के प्रत्याशी जय कृष्ण पटेल ने उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुभाष तंबोलिया को करारी हार दी है। इस सीट पर मुकाबला इसलिए दिलचस्प रहा कि कांग्रेस और बागीदौरा क्षेत्र की विधायकी  छोड़कर भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले महेंद्रजीत मालवीया ने यहां से अपने अजीज सुभाष तंबोलिया को टिकट दिलवाई थी। मालवीय खुद यहां से लगातार चौथी बार विधायक बने थे। जय कृष्ण पटेल 51 हजार 308 वोटो भाजपा के प्रत्याशी को हराया है।

नोट – आंकड़ा निर्वचान विभाग के वेबसाइट के अनुसार हैं।

By Udaipurviews

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