उदयपुर: होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष और बीसीआई टूरिज्म के चार्टर अध्यक्ष यशवर्धन राणावत ने राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (RIPS 2024) के तहत पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार को अत्यंत महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए हैं। राणावत ने बताया कि अगर ये सुझाव स्वीकार किए गए, तो राज्य में हेरिटेज संरक्षण और पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं।
यशवर्धन राणावत ने राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक संपदा पर जोर देते हुए कहा कि RIPS 2024 हमारे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिससे हम न केवल हमारी धरोहरों का पुनरुत्थान कर सकते हैं बल्कि पर्यटन क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास को भी सुनिश्चित कर सकते हैं।”
राणावत ने अपने पत्र में सुझाव दिया है कि राजस्थान के प्रमुख औद्योगिक घरानों और होटेलियरों को राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन करने का अवसर दिया जाए। इस पहल से धरोहरों का व्यवस्थित और व्यावसायिक प्रबंधन सुनिश्चित होगा, और औद्योगिक घरानों को राज्य की धरोहरों के संरक्षण में सहयोग करने का गौरव प्राप्त होगा। औद्योगिक घराने अपने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड्स या प्रत्यक्ष निवेश के माध्यम से इन धरोहरों की पुनर्स्थापना और प्रबंधन में सहयोग कर सकते हैं। इसके तहत ‘पर्यटन विकास बॉन्ड्स’ भी जारी किए जाएं, जिससे निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिले और धरोहरों के पुनरुत्थान के लिए वित्तीय संसाधन जुटाए जा सकें। इन बॉन्ड्स के माध्यम से उपार्जित राशि को राजस्थान की धरोहरों के पुनरुत्थान के लिए लगाया जा सकता है। इन निवेशकों को टैक्स छूट, धरोहर स्थलों पर ब्रांडिंग अधिकार, और संभावित राजस्व साझाकरण मॉडल जैसे प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, राजस्व साझाकरण योजना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, और पर्यटन स्थलों का डिजिटल प्रचार भी प्रस्तावित बिंदुओं में शामिल हैं।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन देव सिंह करोही, बीसीआई संस्थापक मुकेश माधवानी, और बीसीआई अध्यक्ष विप्लव कुमार जैन ने राणावत के इन सुझावों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि “राणावत द्वारा उठाए गए मुद्दे पर्यटन विकास के लिए अभूतपूर्व और पथप्रदर्शक हैं, जो राज्य के पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।”
राज्य के पर्यटन और धरोहर संरक्षण के लिए राणावत की इस पहल को अगर सरकारी समर्थन प्राप्त होता है, तो राजस्थान को एक विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।