उदयपुर। लेकसिटी का ऐतिहासिक और अनूठा दो दिवसीय हरियाली अमावस्या मेले का आगाज सोमवार को हुआ। सोमवती अमावस्या होने के साथ उस समय मेले की रौनक दोगुनी हो गई, जब भगवान इंद्र ने बूदों से अभिषेक शुरू कर दिया। बूंदाबांदी के बीच लोगों ने उल्लासपूर्वक मेले में भाग लिया। मेले में आसपास गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण मेले का आनंद उठाने पहुंचे।
मेले की शुरूआत जब सोमवार सुबह हुई तब तेज धूप खिली थी लेकिन जैसे जैसे दोपहर नजदीक आई तब बारिश के चलते मौसम सुहावना हो गया। ऐसे में मेले में आए लोगों का उत्साह भी दोगुना हो गया। मेला स्थल फतहसागर से शुरू होकर फतहसागर की पाल, देवाली, सहेलियों की बाड़ी, यूआईटी पुलिया तक है। सहेलियों की बाड़ी में आकर्षक सजावट की गई है। फतहसागर पर भी सभी छतरियों और पूरी पाल को रंगबिरंगी रोशनी से पाटा गया हैं। मेले के मद्देनजर मोतीमगरी स्थित प्रताप स्मारक पर दो दिन सुबह 7 से शाम 7 बजे तक प्रवेश निशुल्क रखा गया है।
मेले में बांसुरी की गूंज सुनाई दे रही थी तो वहीं लोगों के उत्साह का जबरदस्त नजारा था। मेले में आए लोगों ने चकरी-डोलर और झूलों का जमकर लुत्फ उठाया। मेले में विभिन्न सजावटी आइटम और शृंगार के आभूषणों की खरीदारी की। परिवार के साथ लोग मेले का आनंद उठाने पहुंचे। मेले में आए लोगों ने मालपुओं, पकोड़े और आइसक्रीम का स्वाद चखा। सहेलियों की बाड़ी से लेकर फतह सागर झील की पाल तक लगने वाले इस मेले में करीब 500 से ज्यादा दुकानें लगी थीं।
मंगलवार को सिर्फ महिलाओं को प्रवेश, इस तरह हुई शुरूआत
मेले में पहले दिन सभी को प्रवेश मिला। जबकि दूसरे दिन मंगलवार को सिर्फ महिलाओं का ही मेला लगेगा। इसमें पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा। इसके लिए पुलिस की टीम सभी गेट पर निगरानी के लिए तैनात रहेगी। उल्लेखित है कि वर्ष 1898 में हरियाली अमावस्या के दिन मेवाड़ महाराणा फतहसिंह महारानी चावड़ी के साथ फतहसागर झील पहुंचे थे। छलकते फतहसागर को देखकर महाराणा बहुत खुश हुए थे। उन्होंने नगर में मेले के रूप में तब पहली बार फतहसागर की पाल पर जश्न मनाया था। इसके बाद महारानी चावड़ी ने मेले में एक दिन सिर्फ महिलाओं का मेला लगाने को कहा तो महाराणा ने सहमति जता दी। उसके बाद से मेले में पहले दिन सभी को प्रवेश दिया जाता है और दूसरे दिन सिर्फ महिलाएं मेले में आती हैं।
पुलिस—प्रशासन चाक—चौबंद
मेले को लेकर नगर निगम के आलवा पुलिस और प्रशासन ने भी चाक-चौबंद व्यवस्था की है। फतहसागर की पाल और सहेलियों की बाड़ी के पास अस्थाई चौकियां भी स्थापित की गई हैं। साथ ही चारों ओर से आने वाले मेलार्थियों के वाहनों को पार्किंग करने की भी माकूल व्यवस्था की गई है।
सादा वेशधारी पुलिसकर्मी भी तैनात
मेले के दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा की गई। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए विभाग की ओर से सादा वेशधारी पुलिसकर्मी तैनात हैं। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। शहर के सभी थानाधिकारियों की मेले में ड्यूटी लगाई गई। मेला प्रांगण में तीन वॉच टावर लगाए गए हैं जहां से मेले के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई।