राष्ट्रीय चिन्तन शिविर में प्रेसवार्ता
उदयपुर, 12 जनवरी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत का जो स्वप्न देखा है वह महिलाओं और बच्चों के समेकित विकास के बिना संभव नहीं है। इसलिए सभी की जिम्मेदारी है कि वे महिला एवं बाल विकास के उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साझा प्रयास करें। चिन्तन शिविर का भी यही उद्देश्य था और खुशी है कि यह काफी सकारात्मक रहा। शिविर में की गई चर्चा के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी तथा मंत्रालय उसी के अनुरूप आगामी कार्ययोजना तय करेगा। निश्चित रूप से विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए आधी आबादी अपनी पूरी भूमिका निभाने के लिए सक्षम होगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय चिन्तन शिविर के अंतिम दिन रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में महिला एवं बाल विकास विभाग को लेकर जो योजनाएं है उसको लेकर राज्यों के सुझाव और चुनौतियां सामने आई है और उस पर काम किया जाएगा। देश में कामकाजी महिलाओं के लिए कई योजनाएं सरकार लेकर आई है। उन्होंने कहा कि देश के कई बड़े शहरों में कामकाजी महिलाएं ज्यादा है उनके लिए हमारी सरकार काम कर रही है ताकि महिलाओं को काम करने में कोई समस्या नहीं हो। इसके लिए केंद्र सरकार 11 हजार 200 करोड़ रुपए की योजनाएं स्वीकृत कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में राज्यों ने एक-दूसरे के नवाचारों को समझा और उन पर चर्चा की। जो चुनौतियां सामने आई उसको लेकर समाधान निकाला गया। चिंतन शिविर अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे हैं बेहतर कार्य को दूसरे राज्य द्वारा अडॉप्ट करने और किसी भी राज्य के सामने आ रही समस्या या चुनौतियों का निराकरण करने का माध्यम बना।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर भामाशाहों के सहयोग के विषय में कहा कि यह अच्छा प्रयास है और इसके लिए लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी आंगनवाडी केंद्र को यदि किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा गोद लिया जाता है, तो यह एक अच्छी पहल होगी।