इनसे पहले स्वतंत्रता सेनानी सादिक अली, मोहनलाल सुखाड़िया, सुंदरसिंह भंडारी और अरविन्द दवे रह चुके हैं विभिन्न प्रांतों के राज्यपाल
– सुभाष शर्मा
उदयपुर। प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है। यह पांचवां अवसर है, जब उदयपुर शहर से किसी व्यक्ति को यह सम्मान मिला है। इनसे पहले स्वतंत्रता सेनानी सादिक अली, आधुनिक राजस्थान के निर्माता कहे जाने वाले मोहनलाल सुखाड़िया, जनसंघ नेता सुंदर सिंह भंडारी तथा रॉ के डायरेक्टर रहे अरविन्द दवे को राज्यपाल बनाया गया।
इनमें मोहनलाल सुखाड़िया को राजस्थान का सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त है। जो 17 साल 1954 से 1971 तक लगातार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद में उन्होंने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल का भी दायित्व निभाया।
इसके बाद उदयपुर के सुंदरसिंह भंडारी दूसरे व्यक्ति बने, जिन्हें अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बबनी सरकार में राज्यपाल बनाया गया। जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में रहे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भंडारी को 1998 में बिहार और 1999 में गुजरात का राज्यपाल बनाया गया
इसी क्रम में उदयपुर में 1910 में बोहरवाड़ी क्षेत्र में जन्मे सादिक अली भी 1977 से 1980 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल और 1980 से 1982 तक तमिलनाडु के राज्यपाल रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई करने के लिए उन्होंने कम उम्र में घर छोड़ दिया और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए और कई बार जेल गए। सादिक अली साल 1950-52 तक अनंतिम संसद के सदस्य और 1957 से 1970 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे। वह 1958-62 और 1964-1969 तक एआईसीसी आर्थिक समीक्षा के मुख्य संपादक भी रहे।
उदयपुर के ही अरविन्द दवे जो साल 1997 से 1999 तक रॉ के निदेशक रहे, भी चार भारतीय राज्यों के राज्यपाल रहे। 1999 से 2003 के दौरान वह अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल, 2003 से 2004 के दौरान मणिपुर के राज्यपाल और 2002 और 2003 के दौरान मेघालय और असम के कार्यवाहक राज्यपाल रहे। गौरतलब है कि अरविन्द दवे कारगिल युद्ध और भारत के परमाणु कार्यक्रम ‘ऑपरेशन शक्ति’ के दौरान रॉ के प्रमुख थे।
राष्ट्रपति ने रविवार को 13 राज्यों के नए राज्यपाल नियुक्त किए, उनमें उदयपुर के गुलाबचंद कटारिया भी शामिल हैं। निजी स्कूल में अध्यापक रहे कटारिया राजस्थान सरकार में पूर्व गृहमंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रहे चुके और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष के अलावा पार्टी की केन्द्रीय कार्य समिति के सदस्य भी हैं। वह नौंवी लोकसभा के सदस्य भी रहे से 9वीं लोक सभा के सदस्य रह चुके हैं। 1977 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे कटारिया 8 वीं बार विधायक निर्वाचित हुए थे। संगठन में काम करते हुए वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव, उपाध्यक्ष, राजस्थान भाजपा के सचिव, महासचिव तथा अध्यक्ष रह चुके हैं।
शुक्रवार को पीएम मोदी ने किया था फोन
बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुलाबचंद कटारिया को फोन कर उनके हालचाल जाने। माना जा रहा था कि उसी फोन के जरिए कटारिया को संकेत दे दिए गए थे। इधर, उदयपुर में कटारिया समर्थकों ने उन्हें राज्यपाल बनाए जाने पर खुशी जताई है।
उदयपुर शहर से राज्यपाल बनने वाले गुलाबचंद कटारिया पांचवें व्यक्ति
