माईनिंग में है रोजगार और करियर के नए अवसर
उदयपुर 23 फरवरी। खनन क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और स्थिरता के प्रति जागरूकता बढ़ाना के उद्देश्य से माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राजस्थान उदयपुर चैप्टर और स्टूडेंट चैप्टर द्वारा उदयपुर के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (सीटीएई) के सहयोग से फ्यूचर ऑफ माइनिंगःडिजिटल सशक्तिकरण और युवा-प्रेरित स्थिरता विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सीटीएई कॉलेज में सम्पन्न हुआ।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि एस. एन. माथुर और सत्र अध्यक्ष डॉ. अनुपम भटनागर (प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में खनन उद्योग के भविष्य और युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। माथुर ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान का मंच प्रदान करते हैं, बल्कि युवा माइनिंग इंजीनियरों को नवीन सोच और तकनीकी क्षमताओं को निखारने का अवसर भी देते हैं। एमईएआई राजस्थान उदयपुर चैप्टर का यह प्रयास सराहनीय है, और मैं उम्मीद करता हूं कि देश के अन्य एमईएआई चैप्टर्स भी ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने आयोजन टीम के समर्पित प्रयासों की प्रशंसा करते हुए सम्मेलन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ. अनुपम भटनागर ने सम्मेलन की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मेलन न केवल तकनीकी विचारों के आदान-प्रदान का मंच बना, बल्कि देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों के बीच नेटवर्किंग का भी उत्कृष्ट अवसर रहा। युवा माइनिंग इंजीनियरों को इस आयोजन के माध्यम से भविष्य में रोजगार और करियर के नए अवसर मिलेंगे।
आयोजन सचिव डॉ. हितांशु कौशल ने समारोह का धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया,जबकि सह-संयोजक और माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. विक्रम सीरवी ने सम्मेलन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
डॉ. सीरवी ने बताया कि सम्मेलन के दौरान सभी सत्र अत्यंत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए, जहां विचार-विमर्श, तकनीकी प्रस्तुतियों और शोध पत्रों के माध्यम से खनन उद्योग में नवीन संभावनाओं का अन्वेषण किया गया। सम्मेलन में लगभग 50 तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिससे प्रतिभागियों को काफी कुछ सीखने का अवसर मिला।
सम्मेलन के दौरान लगभग 50 तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने भाग लिया। आईआईटी वाराणसी, आईआईटी खड़गपुर,एमबीएम यूनिवर्सिटी जोधपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ केरल,द सेफ्टी गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक भुज, सर पदमपत सिंघानिया यूनिवर्सिटी उदयपुर, संगम यूनिवर्सिटी भीलवाड़ा, झारखंड राय यूनिवर्सिटी रांची,,एकेएस यूनिवर्सिटी सतना, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी जोधपुर,एमएलएसयू उदयपुर, दक्षिण अफ्रीका और सीटीएई उदयपुर सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधकर्ताओं ने अपने तकनीकी कार्य प्रस्तुत किए।
सम्मेलन के तकनीकी सत्रों में मशीन लर्निंग का सतही खनन में उपयोग,ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग प्रक्रियाओं में सुधार,ब्लास्ट-प्रेरित ग्राउंड वाइब्रेशन की भविष्यवाणी हेतु मोबाइल ऐप्स का विकास, खनिजों का ड्रोन-आधारित मानचित्रण, दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का भविष्य,सुरक्षित एवं कुशल खनन के लिए एआई और रोबोटिक्स का उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा गहन चर्चा की गई।
सम्मेलन में सत्र अध्यक्षों डॉ. एस.सी. जैन, आर.सी. पुरोहित, एम.एस.पालीवाल, डॉ. एस.के. वशिष्ठ, डी.डी. श्रीपत, आर.पी. माली और अरिफ एम. शेख ने अपने अनुभव और ज्ञान से शोधार्थियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया, जिससे प्रस्तुत शोध कार्यों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
डॉ. कौशल ने आयोजन टीम के अथक प्रयासों और सहभागियों की सक्रिय भागीदारी को सम्मेलन की सफलता का श्रेय देते हुए एमईएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. एन. माथुर, राजस्थान चैप्टर के चेयरमैन प्रवीण शर्मा, सचिव आसिफ एम. अंसारी और सीटीएई के माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनुपम भटनागर का विशेष आभार व्यक्त किया।
आयोजकों ने बताया कि एमईएआई राजस्थान का उदयपुर चैप्टर भविष्य में भी इस प्रकार के और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों का आयोजन करेगा, जिससे खनन उद्योग में न केवल तकनीकी नवाचार को बल मिलेगा, बल्कि युवाओं को नेतृत्व करने के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। सम्मेलन का समापन इस विश्वास के साथ हुआ कि यह आयोजन खनन क्षेत्र में नई सोच, तकनीकी सशक्तिकरण और स्थिरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य समापनः खनन के डिजिटल सशक्तिकरण और युवा-नेतृत्व वाली स्थिरता पर गहन मंथन
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