सरकार महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का किया प्रयासःडॉ. कुणावत

उदयपुर। शहर के वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट डॉ. निर्मल कुणावत ने आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किये गये आम बजट को ऐतिहासिक बताया।
उन्होंने कहा कि  यह बजट युवाओं से लेकर महिलाओं पर फोकस रखा गया है. वहीं गरीब, मिडिल क्लास और किसानों के लिए भी इस बजट में खास तोहफा दिया गया है. इस बार के बजट में सरकार महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का प्रयास किया है ,किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक बढ़ाने का ऐलान कर राहत पाहुचाई है , सभी डैडम्े के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया इससे उन्हें आगे बढ़ने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का आत्मविश्वास मिलेगा। चुकी पहले ये सीमा 10 करोड़ तक थी अब 20 करोड़ कर दी गई। वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स नोकरी पेशा अब सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा तोहफा दिया गया है सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स डिडेक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपया किया जाता है। स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई है। सभी की अपेक्षाओं के विपरीत सिर्फ नोकरी पैसा के लिए ही राहत का सोचा गया परन्तु व्यवसाय या उद्योगियो के लिए कर के लिए कोई राहत नहीं दी गई।
18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी वही  बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई। इसका मतलब है कि वे टैक्सपेयर्स जो पुरानी व्यवस्था से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पसंद करते हैं, उन्हें मायूसी के अलावा इसमें कुछ नहीं मिला। उम्मीद की जा रही थी कि 80 सी या 80डी में कटौती की लिमिट बढ़ाई जा सकती है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में छूट दी है। पिछले बजट में भी स्डैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया गया था। ऐसे में यह सवाल फिर से उठने लगा है कि क्या सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो सेविंग वाली काफी स्कीम पर अगर दिखाई दे सकता है। हो सकता है कि लोग इनमें निवेश करने से दूरी बना लें।  सभी की अपेक्षाओं के विपरीत सिर्फ नोकरी पेशा के लिए ही राहत का सोचा गया परन्तु व्यवसाय या उद्योगियो के लिए कर के लिए कोई राहत नहीं दी गई।
पिछले बजट में एसटीटी और एलटीसीजी बढ़ोतरी का असर निवेशकों पर पड़ा द्य, शेयर बाजार के निवेशकों को केंद्रीय बजट 2025 से कर राहत की उम्मीद थी जिससे बाजार की धारणा को बढ़ावा मिल सकता है। लेकिन कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं हुआ
हालांकि टैक्स रिजीम में बड़ा बदलाव होने वाला है। वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह संसद में नया टैक्स विधेयक पेश करने की घोषणा की है।

By Udaipurviews

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