राजसमंद, 9 अक्टूबर। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर हो रहे विविध आयोजनों के क्रम मे बुधवार को जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा और एसपी मनीष त्रिपाठी की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में महिला अधिकारिता विभाग की जेंडर विशेषज्ञ कांता माली ने सभी अतिथियों और बालिकाओं का अभिनंदन किया। इसके बाद सहायक निदेशक महिला अधिकारिता रश्मि कौशिक द्वारा कलक्टर, एसपी, एडीएम, टीओ, एसीईओ आदि अधिकारियों का मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान बेटी जन्मोत्सव मनाया गया जिसमें नन्ही बालिकाओं ने केक काटकर जन्मोत्सव की बधाई दी। इसके पश्चात शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 6 बालिकाओं हर्षिका मेहरा, पूजा माली, वेदिका सोलंकी, यशस्वी गौर, आस्था इटोदिया, और भव्या शर्मा को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद अधिकारियों और बालिकाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के संदर्भ में संवाद हुआ।
बालिकाओं ने जिला कलक्टर और एसपी से केरियार को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। बालिकाओं ने पूछा कि सिविल सर्विस में कैसे आते हैं, इसके लिए सही रास्ता क्या है, कितनी तैयारी जरूरी है, इस पर दोनों अधिकारियों ने प्रक्रिया समझाते हुए सभी की जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस दौरान एसपी ने उन्होंने साइबर क्राइम से जुड़े मुद्दों पर भी प्रकाश डाला और बालिकाओं को निडर होकर माता-पिता और महिला पुलिस अधिकारियों से अपनी समस्याएं साझा करने का सुझाव दिया, जिससे बढ़ते अपराधों को नियंत्रित किया जा सके। बालिका माधुरी श्रीमाली ने खेलकूद के क्षेत्र में अकादमी की आवश्यकता पर कलक्टर से प्रश्न किया। कलक्टर ने कहा कि यदि स्टूडेंट 11वीं और 12वीं के 24 महीने मेहनत करते हैं, तो वे अगले 48 वर्षों का आनंद ले सकते हैं और इसके विपरीत, अगर वे इन 24 महीनों में आराम करते हैं, तो उन्हें जीवन के 48 साल संघर्ष में बिताने होंगे। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सुमन अजमेरा ने अपनी माता को प्रेरणा स्रोत बताते हुए अपने जीवन से जुड़े अनुभव साझा किए। जिला कोषाधिकारी विशाल अग्रवाल ने छात्रों को नियमित लिखित अभ्यास की महत्ता बताई और इसे परीक्षा की सफलता की कुंजी कहा।
महिला पुलिस थाना कांकरोली की प्रभारी संगीता बंजारा ने बालिकाओं को निडर होकर अपनी समस्याओं को माता-पिता और पुलिस से साझा करने की सलाह दी, विशेष रूप से 17-18 वर्ष की आयु की बालिकाओं को सतर्क रहने की हिदायत दी। पुलिस थाना कुंवारिया की अधिकारी श्रीमती सोनाली शर्मा ने मोबाइल के सीमित उपयोग और सत्य बोलने पर जोर दिया। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी, जैसे ललिता अजमेरा, पुष्पा पालीवाल, इंदिरा महिला शक्ति केंद्र की प्रबंधक अनीता मेवाड़ा, काउंसलर श्यामा कंवर, राजकुमारी, रीना, आईटी वर्कर चंदा कुमावत, और सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रबंधक सुनीता खटीक व काउंसलर राज लक्ष्मी सहित अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सहायक निदेशक महिला अधिकारिता, श्रीमती रश्मि कौशिक द्वारा ‘मन की बात’ पर विचार व्यक्त करने और सभी का धन्यवाद करते हुए किया गया।
महिला पुलिस थाना कांकरोली की प्रभारी संगीता बंजारा ने बालिकाओं को निडर होकर अपनी समस्याओं को माता-पिता और पुलिस से साझा करने की सलाह दी, विशेष रूप से 17-18 वर्ष की आयु की बालिकाओं को सतर्क रहने की हिदायत दी। पुलिस थाना कुंवारिया की अधिकारी श्रीमती सोनाली शर्मा ने मोबाइल के सीमित उपयोग और सत्य बोलने पर जोर दिया। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी, जैसे ललिता अजमेरा, पुष्पा पालीवाल, इंदिरा महिला शक्ति केंद्र की प्रबंधक अनीता मेवाड़ा, काउंसलर श्यामा कंवर, राजकुमारी, रीना, आईटी वर्कर चंदा कुमावत, और सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रबंधक सुनीता खटीक व काउंसलर राज लक्ष्मी सहित अन्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सहायक निदेशक महिला अधिकारिता, श्रीमती रश्मि कौशिक द्वारा ‘मन की बात’ पर विचार व्यक्त करने और सभी का धन्यवाद करते हुए किया गया।