उदयपुर। सिंधु सामूहिक सेवा समिति के तत्वाधान मे शक्ति नगर स्थित श्री झूलेलाल भवन में गया जी जाने वाले श्रध्दालुओ की सामूहिक बैठक बुलाई गई।
समिति के जगदीश निचलानी ने बताया कि यह सगंठन 2016 को 5 सदस्यों से बनाया अब इस सगंठन में 11 सेवा दारी सदस्य अपनी निशुल्क सेवाए दे रहे हैं इस बार 20 नवम्बर को 13 वा सामूहिक पिंडदान के लिए गया जी उदयपुर के रेलवे स्टेशन से रवाना होगे।
समिति के किशन तलरेजा ने बताया कि बैठक में सभी को कार्यक्रम की रूप रेखा से अवगत कराया गया व समस्त तैयारिया हेतु बताया गया, इस बार गया जी 13 वी यात्रा में 64 श्रद्धालु सामूहिक पिण्ड दान करेंगे, जिसमे उदयपुर के साथ साथ बाहर से भी श्रद्धालु शामिल होंगे, साथ ही सभी श्रद्धालुओं को सफर में 6-6 जनों का ग्रुप बनाकर रहने को बोला जिससे सफर में वहां परेशानी नहीं होगी वह साथ में पिंडदान के लिए विस्तृत में बोला गया है कि जिसमें अकाल मृत्यु ,अविवाहित मृत्यु व सामान्य मृत्यु के लिए अलग-अलग पिंडदान होता है वह श्रद्धालुओं की प्रश्न की उत्तर देकर उनका विस्तृत में बताया गरुड़ पुराण के मुताबिक, गयाजी में होने वाले पिंडदान की शुरुआत भगवान राम ने की थी बताया जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने यहां आकर पिता राजा दशरथ को पिंडदान किया था, बताया यह भी गया कि यदि इस स्थान पर पितृ पक्ष में पिंडदान किया जाए तो पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है, गयाजी में पिंडदान से पितृपक्ष में देश-विदेश से तीर्थयात्री पिंडदान व तर्पण करने के लिए गयाजी आते हैं. मान्यता है कि गयाजी में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा करने से उन्हें स्वर्ग में स्थान मिलता है।
इस बैठक में समिति के श्याम निचलानी, हरीश तनवानी ,राधा कृष्ण खथूरिया, मानसी खथूरिया, अशोक कथूरिया, पवन आहूजा आदि उपस्थित थे।