डूंगरपुर में दो दिवसीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का समापन
डूंगरपुर, 17 फरवरी/भारत की पहचान महात्मा गांधी जी से है। आज महात्मा गांधी जी का हर तरफ नाम तो लिया जा रहा है, लेकिन वास्तव में धरातल पर क्या हो रहा है? जिस तरह पानी की मटकी में मुट्ठी भर नमक डाल दें, तो पूरा पानी नमकीन हो जाता है। फिर उस पानी को चाहे गिलास, लोटा, कटोरी या कप में डालो, वो पानी मीठा नहीं हो सकता। यदि स्रोत में कमी हो तो फिर चाहे व्यक्ति किसी भी पद पर पहुंच जाए, उसके चरित्र में यदि कमी हो तो वह गलत रास्ते पर चलेगा ही। डूंगरपुर के गुमानपुरा में एकलव्य आवासीय विद्यालय में जिला स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में शुक्रवार को प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए आईएएस टीकम चंद बोहरा अति. महानिदेशक, एचसीएम रीपा एवं पदेन सचिव प्रशिक्षण जयपुर ने ये बात कही।
गांधीवाद को भूल गए, गांधीजी के बाद- आईएएस टीकम चंद बोहरा
आईएएस टीकम चंद बोहरा ने कहा कि आज गांधी दर्शन की बजाय जमाना गांधी छाप की ओर जा रहा है। व्यंग्यात्मक कविता ‘अब केवल रह गई गांधी छाप की याद, गांधीवाद को भूल गए गांधी जी के बाद‘ के माध्यम से समाज में मौजूदा विसंगतियों को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि आशा की किरण हमेशा रहती है। राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी ने गांधीवाद को जो लोग भूल गए, उनके जीवन मूल्यों को याद दिलाने के लिए, उनके दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी ने शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की है।
गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर आज की आवश्यकता
उन्होंने महात्मा गांधी के बताए सात पाप-काम के बिना धन, अंतरात्मा रहित सुख, मानवता रहित विज्ञान, चरित्र रहित ज्ञान, सिद्धांत रहित राजनीति,. नैतिकता रहित व्यापार, त्याग रहित पूजा या धर्म को अपनी कविता में पिरोते हुए मौजूदा सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवेश की विसंगतियों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि इन विसंगतियों को दूर करने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है। माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी की प्रेरणा और शांति एवं अहिंसा विभाग के माध्यम से राज्य में हजारों लोग गांधीजी के आदर्शो और उनके जीवन दर्शन को आमजन के बीच पहुंचाने का काम कर रहे हैं। गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन से हमारे समाज में व्याप्त बुराइयों और भ्रष्टाचार सहित अन्य चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
गांधीजी को जानने से ज्यादा, उनकी बातों को मानना जरूरी- जिला कलक्टर
प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर लक्ष्मी नारायण मंत्री ने कहा कि गांधीजी को जानना जितना महत्वपूर्ण नहीं है, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है उनको मानना। गांधीजी को महात्मा कहा गया। कहा गया है कि बडे लोग जिस रास्ते पर चलते हैं, उसी रास्ते पर चलना चाहिए। जो बड़े काम करते हैं वो लोग बडे होते हैं। हर आदमी अपने क्षेत्र में काम करता है। उसी के आधार पर उसकी वैचारिक पद्धति बनती है और उसके कुछ अनुयायी बन जाते हैं।
गांधी दर्शन से आन्तरिक और बाहरी शांति –
कोई महान तभी बन पाता है, जब उसकी वैचारिक पद्धति महान हो। महात्मा गांधीजी ने अपने जीवन में शांति और अहिंसा को कभी नहीं छोड़ा। चाहे जितने भी कष्ट सहे, कितनी भी पीड़ा हुई, यहां तक कि उनकी जान भी चली गई, लेकिन सत्य और अहिंसा का जीवन मूल्य हमेशा उनके साथ रहा। अहिंसा उनकी पहली प्राथमिकता थी। आज की सामाजिक परिस्थितियों में गांधीजी के अलावा दूसरा कोई दर्शन वरणीय नहीं है। सिर्फ गांधी दर्शन से ही बाहरी और आन्तरिक शांति मिल सकती है।
गांधीजी की जीवनी पढ़ेंगे स्कूली विद्यार्थी
जिला कलक्टर ने कहा कि डूंगरपुर जिले में मिशन बुलंदी के तहत सभी राजकीय स्कूलों में महात्मा गांधी की जीवनी और गांधी दर्शन साहित्य स्कूलों में विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सुख के लिए ऐसे आयोजन अहम भूमिका निभा सकते हैं। अच्छाई हमेशा लौटकर आती है, हम जब किसी का भला करता है, उसका सुखद प्रतिफल निश्चित रूप से प्राप्त होता है। साधनों की पवित्रता का हमेशा ध्यान रखें।
हर गांव, घर तक ले जाएंगे गांधी दर्शन- डॉ. शंकर यादव
अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) डॉ. शंकर यादव ने दो दिवसीय गांधी दर्शन आवासीय प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर जिला कलक्टर लक्ष्मी नारायण मंत्री, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, पूर्व उपजिला प्रमुख प्रेम कुमार पाटीदार, उप जिला प्रमुख, अन्य पदाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन देश की आजादी और देश को मजबूत करने के लिए होम कर दिया। गांधीजी के जीवन दर्शन को हर गांव और घर तक लेकर जाएंगे। गांधीजी का दर्शन अंतरात्मा को छूता है, उनका दर्शन दिल से निकलने वाली आवाज है। उनके विचारों को हर गांव, घर तक ले जाएंगे। हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी का भी यही मिशन है। गांधीजी के मिशन को आगे बढ़ाएंगे। गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने को मूर्त रूप देंगे।
पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने आमजन से गांधीजी के दिखाए रास्ते पर चलने का आह्वान किया। शिविर के दौरान कार्यक्रम संचालन सुभाष चंद्र कलाल, रेवालाल कटारा और वैभव पाठक ने किया।
अहिंसा मार्च और श्रमदान से साकार हुआ गांधी दर्शन
शिविर के तहत शुक्रवार सुबह नया बस स्टैंड से जिला कलक्ट्रेट तक अहिंसा मार्च निकाला गया। अहिंसा मार्च के दौरान वीर बाला काली बाई, डॉक्टर भोगीलाल पंड्या, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर राज्यमंत्री डॉ शंकर यादव, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा सहित प्रशिक्षणार्थियों, शहर के गणमान्य लोग और युवाओं ने पुष्पांजलि अर्पित की और श्रद्धा से सिर झुकाया। अहिंसा मार्च में युवाओं और स्कूली विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। राज्यमंत्री डॉ शंकर यादव ने गुमानपुरा में एकलव्य आवासीय विद्यालय में प्रशिक्षणार्थियों के साथ श्रमदान किया।
जूदा परिवेश में उम्मीद की किरण है गांधी दर्शन- आईएएस टीकम चंद बोहरा
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