उदयपुर। उसनस फाउंडेशन और विदेश मंत्रालय द्वारा उभरती एवं बदलती विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय महाराणा प्रताप वार्षिक भू राजनैतिक संवाद २०२३ के प्ररथम ऑनलाइन चरण का समापन हुआ। इस कांफ्रेंस में दुनिया के १० देशो से जाने मने ३० सुरक्षा एवं कूटनीति विशेषज्ञ आये और उन्होंने अनेक विषयो पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की शुरुवात उसनस फाउंडेशन की निदेशक डॉ अनीता जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए की. उसनस फाउंडेशन के संस्थापक व सीईओ अभिनव पंड्या ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा की शीत युद्ध के अंत के बाद विश्व में अमेरिका का वर्चस्व रहा। हलाकि आतंकवाद एक बड़ी चुनौती थी परन्तु बोलबाला अमेरिका का रहा। २०१० के बाद चीन ने बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट की शुरुवात कर और अपनी अकरम कटा दिखकर अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती दी है। कोरोना महामारी के बाद अमेरिका का एक छात्र राज समाप्त हो चूका हैहै. रूस और यूक्रेन के युद्ध ने में दुनिया में भरी बदलाव के संकेत दिए है। व्यवस्था में भारत के अपना स्थान खोजना और अग्रणी भूमिका निभाना एक नियति है। परन्तु हमें चीन , पाकिस्तान और आतंक वाढ की चनौती का सामना करना पड़ेगा व आर्थिक रूप से मज़बूत होना पड़ेगा।

विवेकानंद फाउंडेशन के निदेशक व पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ अरविन्द गुप्ता ने अपने कीनोट स्पीच में कहा की आज भारत विश्व राजनीती और कूटनीति में एक नयी सोच को लेकर आगे बढ़ रहा है और भारत अपनी प्राचीन कूटनीति से सम्बंधित विचारो और मान्यताओं
को पुनः आत्मा सात कर रहा है। इसी के साथ हे भारत को पश्चिमी देशो द्वारा कूटनीति के विषय में स्थापित परिभाषाओ और मानदंडों का पुनरावलोकन का उन पर प्रश्न करने होंगे और एक तथ्यात्मक आधार पर उनके ख़ारिज करना होगा। और इसी के साथ भारत को अपना नैरेटिव देना होगा।
पहले सत्र में नई वर्ल्ड आर्डर, रूस यूक्रेन युधा और कोरोना महामारी पर चर्चा हुई. एम्बेसडर सज्जनहर ने अध्यक्षता की और जापान से स्टेफेन नञ, इजराइल से एम्बेसडर डेनियल और इनदिनेसिअ से जेम्स डोरसे ने विचार व्यक्त किये. दुसरे सत्र मे पाकिस्तान और चीन आने वाली चुनोतियो पर चर्चा हुई। इसमें इंडियन फाउंडेशन के डायरेक्टर अलोक बंसल, जनरल नरायणान, जनरल कटोच, पूर्व राजदूत गौतम बम्बावाले, सुरक्षा एक्सपर्ट बुर्ज़िने वाघमर और डॉ श्रीपर्णा पाठक ने अपने विचार रखे। सभी का निष्कर्ष यह था की पाकिस्तान बुरे आर्थिक हालात और इस्लामिक कट्टरवाद के दलदल मे बुरा फंस है और चीन से खतरा बना रहेगा, हालाँकि भारत उससे निपटने में सख्सम है.
तीसरा सरता भारत की विदेश निति में हुए बदलावों पर रहा। इजराइल से विचारक ऑश्रित बोरवेदकर ने कहा की १९५० और ६० के दशक में भारत की विदेश निति बहुत आदर्शवादी थी लेकिन ६२ के चीन युद्द्ध ने और ६५ के पाकिस्तान युद्ध ने भारत की आंखे खोल दी और उसे अधिक यथारवादी बना दिया। तत्पश्चात भारत ने इजराइल के साथ अनोपचारिक इंटेलिजेंस रिलेशन्स स्थापित किये और १९९२ में इजराइल को पूर्ण र्रूप से स्वीकृति दी। आज भारत और इजराइल में आतंकवाद के लड़ाई को लेकर बहतु गहरी मित्रता है। डॉ अल्विते ने कहा की भारत के सऊदी अरब और सयुंक्त अरब अमीरात से भी बहुत अच्छे और व्यापकक स्टार के रिश्ते है.
आखिरी सत्र में अम्बैसडर विष्णु प्रकाश ने अध्यक्षता की और भारत पर होने वाले विदेशी मीडिया, स्कॉलर और थिंक टैंक के हमलो के बारे में चर्चा की / अमेरिका से आतंकवाद विशेषज्ञ आभा शंकर ने कहा की के खिलाफ एक लॉबी काम करती है जिसके तार पाकिस्तानी, टर्की और क़तर से जुड़े है। इस लॉबी ने आर्टिकल ३७० और नागरिकता संशोधन कानून पर भारत की छवि ख़राब करने की कोशिश की। जाने मने पत्रकार अरुण आनंद ने बताया की विदेशी मीडिया के कही बड़े संसथान एक प्रायोजित तरीके से भारत के खिलाफ काम करते है। विष्णु प्रकाश ने बताया की हाल ही में आयी बीबीसी की डाक्यूमेंट्री भी भारत को बदनाम करने की एक साज़िश है।
कांफ्रेंस में दुसरे दिन मुख्या वक्ता उन की पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल और राजदूत लक्ष्मी पूरी थी। उन्होंने कहा कोरोना ने यह साबित कर दिया की चीन पर अति निर्भरता कितनी घातक हो सकती है। इसके बाद से विश्व में वैश्वीकरण की प्रक्रिया में कमी आयी है एवं लोगो की इसमें रूचि काम हुई है। इसका लाभ भारत को हो सकता है। पूरी ने कहा की मोदी जी नेतृत्व ने भारत को आगे बढ़ने की और अग्रणी होने का आत्मा विश्वविस्वास दिया है। आज भारत हर मुद्दे पर जैसे की रूस यूक्रेन युद्ध में भारत ने एक बहुत ही प्रिन्सिपलेड स्टैंड राष्ट्र हिट में लिया। आज भारत विश्व व्यवस्था में एक सेतु और एक पीस मेकर की भूमिका निभा सकता है।
प्रथम सत्र की अध्यअक्षता एम्बेसडर अनिल त्रिगुणायत ने की। सत्र का फोकस भारत और मिडिल ईस्ट के प्राचीन रिश्तो और वर्त्तमान के संबधो का था। श्री अनिल त्रिगुण्यात, हो माल्टा, लीबिया और जॉर्डन में भारत के राजदूत थे , जाने मने डिप्लोमेट और एक्सपर्ट है। उन्होंने कहा की पिछले ७-८ सेल में भारत ने वेस्ट एशिया में de -हायफ़नेशन किया है इजराइल से भी हमारे रिश्ते अच्छे है और अरबाअरब देशो से भी हमने सम्बन्ध स्ट्रांग किये है। प्रोफ आफताब, सऊदी से सलमान अंसारी और egypt से daliya और इजराइल से डॉ. एली कर्मों से विचार व्यक्त किये।
दुसरे सेशन के अध्यक्ष गेन अत हसनऐन जी कष्मीर में कोर कमांडर थे, ने किया। आतंकवाद ओर था. अमेरिका से डॉ रुबिन ने कहा की अमेरिका ने पाकिस्तान को समझने में गलती की और तालिबान के वापसी से अफ़ग़ानिस्तान में हालात बहुत ख़राब ही चुके है। जम्मू कश्मीर के गवर्नर के पूर्व सलाहकार और उसनस फाउंडेशन के सीईओ अभिनव पंड्या ने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में सचालित आंतकवाद पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पाकिस्तान के टेरर फंडिंग मॉडल्स, घुसपैठ, ड्रोन से हथियार और ड्रग्स स्मगलिंग पर प्रकाश डाला। उन्हीने यह भी कहा की भविष्य में कट्टरवादी विचारधारा से बहुत खतरता है। उन्हीने बतया की उदयपुर के कन्हैया हत्याकांड से यह साबुत होता है की अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद अब छोटे शहरो में भी दस्तक दे चूकाहै। इस दिशा में बहुत प्रयास करने होंगे और चुनौती का सामना करना होगा- पुलिस और इंटेलिजेंस को सुधर कर.
इजराइल से माइकल बराक ने वेस्ट एशिया में ISIS और अल क़ाएदा ईरान द्वारा पोषित टेररिस्ट ग्रुप्स के बारे में विस्तार से बताया। अंतिम वक्ता भारत सर्कार में सयुंक्त सचिव और भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी महावीर सिंघवी ने बताया की भारत ने कूटनीतिक स्टार पर आतंकवाद के खिलाफ मज़बूत स्टैंड लिया है और अंतर्राष्ट्रीय मंचो जैसे की FATF और UN में आतंक को पोषित करने वाले देशो के खिलाफ कड़ी करवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा की अब्दुल रहमान मक्की और मसूद अज़हर को उन द्वारा आतंकी घोषित करना भारत की बड़ी सफलता है।
दो दिवसीय कांफ्रेंस में २०० स्कॉलर्स ने दर्शक के रूप में भाग लिया। कांफ्रेंस का अगला चरण उदयपुर में २३ मार्च से २५ मार्च के बीच होगा।
इजराइल से माइकल बराक ने वेस्ट एशिया में ISIS और अल क़ाएदा ईरान द्वारा पोषित टेररिस्ट ग्रुप्स के बारे में विस्तार से बताया। अंतिम वक्ता भारत सर्कार में सयुंक्त सचिव और भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी महावीर सिंघवी ने बताया की भारत ने कूटनीतिक स्टार पर आतंकवाद के खिलाफ मज़बूत स्टैंड लिया है और अंतर्राष्ट्रीय मंचो जैसे की FATF और UN में आतंक को पोषित करने वाले देशो के खिलाफ कड़ी करवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा की अब्दुल रहमान मक्की और मसूद अज़हर को उन द्वारा आतंकी घोषित करना भारत की बड़ी सफलता है। ।
दो दिवसीय कांफ्रेंस में २०० स्कॉलर्स ने दर्शक के रूप में भाग लिया। कांफ्रेंस का अगला चरण उदयपुर में २३ मार्च से २५ मार्च के बीच होगा