उदयपुर में नकली घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी

—सरस-अमूल ब्रांड की हूबहू पैकिंग, 1500 किलो नकली घी जब्त
—बाजारी कीमत 63 लाख
उदयपुर, 8 मार्च : होली के त्योहार से पहले पुलिस और डीएसटी टीम ने उदयपुर के उमरड़ा रोड स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में एक नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। फैक्ट्री में सरस, अमूल, कृष्णा और नोवा ब्रांड की हूबहू पैकिंग में नकली घी तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों में बेचा जा रहा था। कार्रवाई के दौरान फूड सेफ्टी टीम को बुलाया गया, जिसके बाद संबंधित ब्रांड्स के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर 1500 किलो नकली घी की पुष्टि की।

डीएसटी प्रभारी श्यामसिंह रत्नू ने बताया कि इस कार्रवाई में मौके से दो लोगों को हिरासत में लिया गया प्रारंभिक जांच में सामने आया कि यहां सोयाबीन, डालडा और फ्लेवर मिलाकर घी तैयार किया जा रहा था, जिसकी बाजार में कीमत करीब 63 लाख रुपए आंकी गई है।

फर्जी बारकोड और एगमार्क से की जा रही थी ठगी
नकली घी की पैकिंग इतनी असली जैसी थी कि पहचानना मुश्किल था। आरोपी ने प्रसिद्ध कंपनियों के बारकोड और एगमार्क तक तैयार कर लिए थे, लेकिन जब इन बारकोड को स्कैन किया गया, तो कोई जानकारी नहीं मिली और स्क्रीन ब्लैंक हो जाती थी। पुलिस के मुताबिक, यह घी बड़े स्तर पर होटलों, ग्रामीण इलाकों और शादी-समारोहों में सप्लाई किया जा रहा था।

फैक्ट्री में मिली भारी मात्रा में नकली घी और पैकिंग सामग्री
डीएसपी छगन पुरोहित ने बताया कि छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर बड़ी मात्रा में नकली घी और पैकिंग सामग्री बरामद हुई। फैक्ट्री के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर नकली घी बनाया जा रहा था। ग्राउंड फ्लोर पर बिना लेबल और फर्जी लेबल वाले टिन रखे थे। बेसमेंट में भट्टियां और मशीनें लगी हुई थीं, जहां सोयाबीन तेल, डालडा और एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार किया जा रहा था। पुलिस ने सरस, नोवा और कृष्णा घी कंपनियों के प्रतिनिधियों को मौके पर बुलाया। इन कंपनियों ने पैकेट्स और बैच नंबर देखकर पुष्टि की कि यह उनका घी नहीं था।

हर दिन 150 किलो घी बेचा जा रहा था
पूछताछ में सामने आया कि 1 टिन घी 4200 रुपए में बेचा जा रहा था। रोजाना 150 किलो से अधिक घी गांवों में सप्लाई किया जा रहा था, जबकि शादी और त्योहारों के समय यह मात्रा बढ़ जाती थी।

कैसे बनता था नकली घी?
फूड सेफ्टी अधिकारी अशोक गुप्ता और नरेंद्र सिंह चौहान के अनुसार आरोपी थोड़ी मात्रा में असली घी मिलाकर उसमें सोयाबीन तेल, डालडा और फ्लेवर मिलाकर नकली घी तैयार करते थे। इसे बड़े-बड़े टिन में भरकर असली ब्रांड्स की पैकिंग में सील कर देते थे। 1 टिन (15 किलो) की कीमत 4200 रुपए तय की गई थी और रोजाना 150 किलो से अधिक नकली घी बाजार में बेचा जा रहा था।

रसद और खाद्य विभाग की टीम भी पहुंची मौके पर
छापेमारी के दौरान रसद विभाग और खाद्य विभाग के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और यदि नकली घी अनसेफ पाया जाता है, तो खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत 6 महीने से आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

आगे की कार्रवाई
फैक्ट्री को सीज कर दिया गया है और पुलिस मुख्य आरोपी लोकेश जैन को से पूछताछ कर रही है। अब तक की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पिछले 6—7 म​हीने से फैक्ट्री को लीज पर लेकर ये काम कर रहा था। पुलिस का कहना है कि त्योहार के समय नकली खाद्य पदार्थ बेचने वाले गिरोहों पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

By Udaipurviews

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