परिवार में सभी साथ रहते हैं लेकिन कर्मफल सभी के अलग होते है- सुकुनमुनि महाराज

उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की और से सिन्धी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने चातुर्मास के अवसर पर प्रातः कालीन धर्म सभा में कहा कि मनुष्य को अपने कर्म बंध कभी नहीं छोड़ते हैं। जो कर्म में लिखा है वह भोगना ही पड़ता है।
एक ही घर में पिता पुत्र बेटी बहन भाई सभी होते हैं लेकिन सभी के कर्म एक जैसे नहीं होते। सभी अपने-अपने हिसाब से कम का फल भोंगते हैं। पिता को कोई अलग दुख होता है तो माता को कोई अलग दुख होता है बेटा बेटी यह सब अपने कर्मों को अपने अपने हिसाब से भोगते हैं। इनमें कोई भी एक दूसरे का ना तो दुख ले सकता है और नहीं सुख का भोग कर सकता है। कर्मबन्धन में बन्धने का कारण यही है कि वह जीवन में कहता कुछ है, करता कुछ है, सुनता कुछ है और बोलता कुछ है। जब उसके जीवन में एक रुपता नहीं होती है तभी वह कर्मबंधों में बंध जाता है। जीवन में बिना एकरूपता लाए और बिना धर्म के आपका जीवन नहीं चल सकता। जब तक जीवन से झूठ और छल कपट बाहर नहीं होंगे हमारे जीवन का उत्थान और हमारे जीवन का कल्याण संभव नहीं है। इन सबसे अगर हमें छुटकारा पाना है तो हमैं प्रभु महावीर की वाणी को सुन और ग्रहण कर अपने जीवन में उतरना चाहिए। लेकिन मनुष्य संसार के मोह माया जाल में ऐसा उलझ जाता है कि उसे दूसरी कोई चीज या वस्तु नजर ही नहीं आती। जब संसार के जाल में उलझने के बाद उसे दूसरी वस्तु नजर नहीं आती तो मोक्ष मार्ग कहां से नजर आएगा।
उप प्रवर्तक अमृतमुनिश्री ने कहा कि आजकल संसार में स्वार्थ ज्यादा हावी हो रहा है। लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि जहां स्वार्थ होता है वहां समता भाव नहीं रहता है। स्वार्थ से जीवन में किसी का कल्याण नहीं होता है। यह आपके ऊपर निर्भर है कि आपको जीवन कैसा बनाना है। देव तुल्य जीवन बनाना है या राक्षस तुल्य  जीवन बनाना है। धार्मिक आयोजनों में और सांसारिक आयोजनो में बहुत फर्क होता है। धार्मिक आयोजन आत्म कल्याण और आत्म शुद्धि  के लिए किए जाते हैं। इसलिए इन आयोजनों में ज्यादा से ज्यादा भागीदार बनकर धर्म लाभ लेने का प्रयत्न करें और अपने जीवन को देवतुल्य बनाने का प्रयत्न करें।
धर्मसभा में अखिलेश मुनि जी ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि चातुर्मास काल से ही णमोकार महामंत्र की धर्म आराधना निरंतर जारी है। शनिवार को बाहर से आए अतिथियों का धर्म सभा में स्वागत अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में मेवाड़ वागड़ क्षेत्र सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!