चिरंतन भारतीय संस्कृति को अखिल विश्व में मिल रहा बड़ा सम्मान- सांसद मीणा

सांसद रावत के मुख्य आतिथ्य में क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव का हुआ शुभारंभ
उदयपुरः 14 अक्टूबर। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान कुरुक्षेत्र की ओर से क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव 2024 का शुभारंभ सोमवार को विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 4 में उदयपुर सांसद डॉ.मन्नालाल रावत के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश चंद्र शुक्ला ने की। मुख्य वक्ता गोविंदजी,, विशिष्ट अतिथि नवीन झा तथा प्रकाश फुलानी थे। मुख्य अतिथि सांसद रावत ने कहा कि वर्तमान ऐसा कालखंड है जब चिरंतन भारतीय संस्कृति को बड़ा महत्व मिल रहा है। 2047 में हमारा भारत विकसित होने के साथ परम वैभव को प्राप्त कर चुका होगा। इसमें भारतीय नृत्य, संगीत, रीति रिवाज भारतीय संस्कृति का विचार प्रमुख भूमिका निभाएगा।
मुख्य वक्ता गोविंदजी ने कहा कि हमारी संस्कृति, जीवन मूल्य को हमारे जीवन मैं हमें आत्मसात करना है। हमारी संस्कृति को जानना है, मानना है, समझना है तथा जीना है, हमारे पूर्वजों से हमें संस्कार मिले हैं हमें आने वाली पीढ़ी में इन संस्कारों को आगे बढ़ाना है। संस्कृति ज्ञान परीक्षा, संस्कृति महोत्सव इन बातों को हमारे अंदर समाहित करने का काम कर रहा है।
अतिथियों का परिचय विद्या भारती के जिला सचिव कालू चौबिसा ने कराया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा  रमेश शुक्ला ने प्रस्तुत की। जोधपुर प्रांत की बहन भूमि ने भावगीत “लक्ष्य तक पहुंचे बिना पथिक विश्राम कैसा“ सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। आभार विद्या भारती के अध्यक्ष प्रकाश फुलानी ने जताया। संचालन पूनम चंद राठौड़ ने किया।
क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव में चित्तौड़, जयपुर, जोधपुर प्रांत के यानी संपूर्ण राजस्थान के 250 से अधिक विजेता प्रतिभागी छात्र अपने-अपने प्रांत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यहाँ से विजेता प्रतिभागी राजस्थान क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 16 नवम्बर से उज्जैन में शुरू होने वाली राष्ट्रीय स्तर (अखिल भारतीय स्तर) की प्रतियोगिता में करेंगे। इस क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव में अलग-अलग वर्गों में प्रश्न मंच, मूर्तिकला, आशु-भाषण एवं कथा कथन तथा आचार्य पत्र वाचन प्रतियोगिता के साथ विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन हुआ।
उल्लेखनीय है कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान कुरुक्षेत्र की ओर से संस्कृति बोध परियोजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमे देशभर में लगभग साढ़े 22 लाख छात्र सम्मिलित होते है।

By Udaipurviews

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