राजसमंद में उदयपुर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, किडनेप हुए व्यापारी को छुड़वाया

हिस्ट्रीशीटर दीपक मेनारिया और किशन मेनारिया को दबोचा, मांग रहे थे 35 लाख की फिरौती
उदयपुर। राजसमंद जिले में उदयपुर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। उदयपुर पुलिस किडनेप की सूचना पर बदमाशों का पीछा कर रही थी कि केलवा ओवरब्रिज के समीप बदमाशों ने पहले पुलिस के वाहन को टक्कर मारी और फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग के बाद भाग रहे बदमाशों की गाड़ी डिवाइडर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई, उसी दौरान पुलिस ने ना केवल किडनेप किए व्यापारी को सुरक्षित बचा लिया, बल्कि दोनों बदमाशों को दबोच लिया। उनसे पुलिस ने तीन लोडेड पिस्टल बरामद की। पकड़े बदमाशों में सुखेर थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर दीपक मेनारिया और किशन मेनारिया शामिल हैं, जिनकी तलाश उदयपुर पुलिस को लंबे समय से थी।
उदयपुर के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने शनिवार दोपहर प्रेस वार्ता में बताया कि हिस्ट्रीशीटर दीपक मेनारिया सुखेर थाना क्षेत्र का हार्डकोर अपराधी है। वो आए दिन हथियारों के दम पर लोगों को धमकाता था। घासा और सुखेर थाना पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। वह फर्जी नंबरों से फोनकर जमीन हड़पने और फिरौती के लिए धमकी देता था। लंबे समय से दीपक मेनारिया पर उदयपुर पुलिस की नजरें थी, लेकिन वह बार-बार ठिकाने बदल रहा था। उसके रामेश्वरवरम्, उज्जैन, पुणे और बैंगलुरू में होने का पता चला। गत 24 जनवरी को उसके निम्बाहेडा में आने की सूचना मिली और उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया लेकिन तब वह बच निकला। शुक्रवार शामस उसके केलवा में होने का पता चला तो उदयपुर पुलिस ने पीछा किया। हिस्ट्रीशीटर दीपक मेनारिया को इसकी भनक लगी तो उसने पुलिस की गाड़ी को टक्कर मार दी थी। इस दौरान बदमाशों की गाड़ी भी डिवाइडर से टकरा गई थी। उसके बाद उसने दो राउंड फायरिंग भी की। जिस पर पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग कर उसे किशन मेनारिया के साथ दबोच लिया।
पता चला कि वह दो दिन से वह उदयपुर के निकट चीरवा के कारोबारी किशन रेबारी का अपहरण कर उसे लेकर घूम रहा था। उसे छोड़ने के एवज में उसने परिजनों से 35 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। डिवाइडर से कार पलटने के चलतेे दीपक और किशन मेनारिया को चोटें आई हैं और उन्हें उपचार के लिए एमबी अस्पताल के बंदी वार्ड में भर्ती कराया गया है।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!