डूंगरपुर,09 सितंबर. डूंगरपुर के विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष खेमराज यादव को निलंबित किए जाने के बाद बिजली निगम के कार्मिक एकजुट हो गए हैं। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर के नेतृत्व में सोमवार को निगम के कार्मिकों ने डूंगरपुर अधीक्षण अभियंता (एसई) ऑफिस के बाहर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। कार्मिकों ने अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपकर निलंबित जिलाध्यक्ष खेमराज यादव को तत्काल बहाल करने और एफआरटी (फॉल्ट रेस्टोरेशन टीम) में पर्याप्त कार्मिक लगाने के लिए ठेकेदार को पाबंद करने की मांग की।
एफआरटी में कार्मिकों की कमी, कामकाज प्रभावित-विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने कहा कि डूंगरपुर में पिछले 6 साल से एफआरटी के माध्यम से काम किया जा रहा है, जहां एक टीम में 15 कार्मिकों का प्रावधान है। लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि हर टीम में केवल 6 से 7 कार्मिक ही कार्यरत हैं। इस कमी के कारण बिजली आपूर्ति में अवरोध उत्पन्न होने पर काम समय पर नहीं हो पाता, जिससे उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिलाध्यक्ष खेमराज यादव ने इस ओर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए ठेकेदार को आवश्यक संख्या में कार्मिक लगाने के लिए पाबंद करने की मांग की थी। लेकिन, ठेकेदार पर कार्रवाई करने के बजाय यादव को ही निलंबित कर दिया गया।
निलंबन का विरोध, जिलाध्यक्ष की बहाली की मांग-इस घटना के बाद राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य कार्मिकों ने एकजुट होकर एसई ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जिलाध्यक्ष खेमराज यादव को जल्द से जल्द बहाल किया जाए और एफआरटी टीमों में पर्याप्त कार्मिकों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो संघ आंदोलन को और तेज करेगा। उन्होंने कहा, “एफआरटी में कार्मिकों की कमी के चलते उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना बेहद जरूरी है। हम अपने जिलाध्यक्ष के साथ खड़े हैं और उनके साथ हुए अन्याय का विरोध करते हैं।” धरना प्रदर्शन के बाद संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा, जिसमें जिलाध्यक्ष खेमराज यादव की बहाली और एफआरटी में कार्मिकों की संख्या बढ़ाने के लिए ठेकेदार को पाबंद करने की मांग की गई है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे और इसके लिए निगम प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होगा। संघ के कार्मिकों का कहना है कि वे अपने साथियों के हक के लिए हमेशा खड़े रहेंगे और किसी भी गलत कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। खेमराज यादव के निलंबन को लेकर पूरे क्षेत्र में निगम के कर्मचारियों में आक्रोश है, और वे न्याय मिलने तक शांत नहीं बैठेंगे।