बांसवाड़ा में आठ दिवसीय विराट धार्मिक महोत्सव 20 नवम्बर से

अनुष्ठान स्थलों के लिए भूमि पूजन एवं ध्वजारोहण कार्यक्रम में उमड़े श्रृद्धालु,
संत-महात्माओं के सान्निध्य में हुए पूजन-अर्चन और यज्ञानुष्ठान

 बांसवाड़ा, 24 अक्टूबर/बांसवाड़ा में आगामी 20 से 27 नवम्बर तक होने वाले विराट धार्मिक महोत्सव के लिए आयोजन स्थल तपोभूमि लालीवाव मठ में गुरुवार को आयोजित भूमि पूजन एवं ध्वजारोहण समारोह में श्रृद्धालुओं का ज्वार उमड़ आया।

इस अवसर पर प्रसिद्ध प्राच्यविद्यामर्मज्ञ ब्रह्मर्षि पं. दिव्यभारत पण्ड्या एवं पं. निकुंजमोहन पण्ड्या के आचार्यत्व में निष्णात कर्मकाण्डियों के समूह ने वैदिक ऋचाओं और सनातन परम्पराओं के अनुरूप सर्वदेव पूजन-अर्चन एवं यज्ञानुष्ठान कराते हुए भूमि पूजन के बाद ध्वज पूजन एवं स्थापन करवाया।

भूमि पूजन एवं ध्वजारोहण आदि अनुष्ठान विधान आयोजन समिति के अध्यक्ष जाने-माने एड्वोकेट श्री लक्ष्मीकान्त त्रिवेदी एवं श्रीमती अनसुया त्रिवेदी तथा यज्ञार्चन यजमान श्री पुष्पेन्द्रसिंह तंवर एवं श्रीमती संजोक्ता तंवर ने पूर्ण किए, यज्ञ में पूर्णाहुति दी और महाआरती उतारी।

संत-महात्माओं का पावन सान्निध्य : लालीवाव पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज के सान्निध्य में हुए समारोह जाने-माने संत महामण्डलेश्वर श्रीमहंत गरीबदासजी महाराज(गुजरात) के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इसमें संत श्री हरिदासजी महाराज(भावनगर), श्री रामदासजी महाराज एवं श्री रघुवीरदासजी महाराज, आयोजन संयोजक पं. भुवन मुकुन्द पण्ड्या, उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश भट्ट, शान्तिलाल भावसार, मनोहर जोशी आदि ने संबोधित किया।

आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने लालीवाव मठ की ओर से सभी उपस्थितजनों को तिलक लगाकर तथा उपरणा पहनाकर स्वागत किया।

यजमानों का अभिनन्दन : इस अवसर पर संत महात्माओं एवं आयोजकों की ओर से विराट धार्मिक महोत्सव में यज्ञानुष्ठानों तथा भागवत पारायण में सहभागी बनने वाले यजमानों का उपरणा पहनाकर अभिनन्दन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि महामण्डलेश्वर श्रीमहंत गरीबदासजी महाराज(गुजरात) ने अनुष्ठान आचार्यों पं. दिव्यभारत पण्ड्या एवं पं. निकुंज मोहन पण्ड्या को सम्मानित किया।

अलौकिक है यह विराट महोत्सव : संत-महात्माओं ने अपने उद्बोधन में सनातन धर्म रक्षा को जीवन का सर्वोपरि धर्म,कर्म और कर्तव्य निरूपित करते हुए आगे आने का आह्वान किया और बांसवाड़ा में हो रहे विराट महोत्सव को अलौकिक, अपूर्व एवं असीम पुण्यदायी बताते हुए अधिक से अधिक सहभागिता का आह्वान किया और कहा कि सदियों बाद इस तरह का विशिष्ट आयोजन लोढ़ी काशी में हो रहा है।

समारोह में विभिन्न मठों, आश्रमों एवं धामों से संत-महात्मा एवं महन्त, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, समाजसेवी, धर्माधिकारी, आयोजन समिति के पदाधिकारी, विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के पदाधिकारी, राजनेता, लालीवाव मठ के अनुयायी भक्तगण और बड़ी संख्या में श्रृद्धालु उपस्थित थे।

ध्वज यात्रा : इससे पूर्व भगवान श्री पदमनाभ, श्री हनुमान तथा जितेन्द्रिय महादेव मन्दिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और मठ के पूर्व पीठाधीश्वरों की समाधि पर गुरु पादुका पूजन अनुष्ठान हुआ। इसके बाद मठ के प्रधान मन्दिर से आयोजन स्थल तक गाजे-बाजे के साथ ध्वज की शोभायात्रा निकली। इसमें शांतिलाल भावसार एवं नगेन्द्र दोसी ने ध्वज का संचलन किया।

By Udaipurviews

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