पर्यटन के क्षेत्र में नवाचारों के साथ ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिले-कलक्टर
उदयपुर, 27 दिसंबर। पारिस्थितिकी विकास पर्यटन समिति की बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिला कलक्टर ने वन क्षेत्र के आसपास स्थित जलीय स्त्रोंतों जैसे मेनार, बड़ा मदार, मादड़ी तालाब इत्यादि को इस योजना में शामिल करने हेतु प्रस्तावित किया तथा पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर चर्चा की। कलक्टर ने शिल्पग्राम की तर्ज पर देवला, कोटडा, जयसमंद, झाडोल में भी ग्रामीण शिल्पग्राम स्थापित करने हेतु चिन्हित करने के निर्देश दिये तथा इन ग्रामाीण शिल्पग्रामों में वनोत्पाद व संास्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल करने को कहा। इसके अलावा जनजाति क्षेेत्रीय विकास विभाग को 2 ऐसे ग्रामीण स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिये जो ग्रामीण क्षैत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल हो सकते है तथा उसमें लोककला, हथकरघा उद्योग, वनोत्पाद इत्यादि को भी शामिल कर बाजार विकसित करने पर जोर दिया, जिससे स्थानीय लोगों को पूरा पैसा मिल सके तथा उनको इस हेतु शहर में ना आना पडे़। बैठक में पर्यटन विभाग, पुरातत्व विभाग, शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, वन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में वन क्षैत्र में पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जा सकने वाले स्थलों को विकसित करने के संबंध में चर्चा हुई। इसमें वन विभाग द्वारा वन क्षैत्र में ऐसे स्थलों को विकसित किये जाने के संबंध में उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
घर-घर औषधि योजना की क्रियान्विति पर हुई चर्चा
इस बैठक के पश्चात जिला कलक्टर मीणा की अध्यक्षता में घर-घर औषधी योजना की क्रियान्विति के संबंध में चर्चा की गई, जिसमें सभी उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी वीसी से जुडे रहे। जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों को इस हेतु जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए। बैठक में उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में इसकी क्रियान्विति हेतु बैठक की दिनांक निर्धारित कर निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया तथा इसके बाद ग्राम सभा का आयोजन कर लागने वाले पौधों की प्रजाति, स्थान तथा वृक्षारोपण कराये जाने हेतु बजट मद प्रस्तावित करने के लिये कहा गया।
उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत उदयपुर जिले में 23 लाख पौध तैयारी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 प्रतिशत पौधे नगर निगम, नगर पालिका क्षेत्र में, 20 प्रतिशत पौधे ग्राम पंचायतों में तथा 60 प्रतिशत पौधे व्यक्तिगत लाभार्थियों को वितरित किये जाएंगे। वन विभाग के प्रमुख सचिव ने भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये। उप वन संरक्षक, उदयपुर ने ग्राम पंचायत वाइज निर्धारित लक्ष्य की जानकारी दी तथा इस हेतु स्कूल, जनजाति हॉस्टल, आंगनवाडी अन्य राजकीय परिसरों को भी चिन्हित कर इसकी सूचना प्रेषित करने हेतु कहा गया। बैठक में वन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों व क्षेत्रीय वन अधिकारियों ने भाग लिया।
घर-घर औषधि योजना की क्रियान्विति पर हुई चर्चा
इस बैठक के पश्चात जिला कलक्टर मीणा की अध्यक्षता में घर-घर औषधी योजना की क्रियान्विति के संबंध में चर्चा की गई, जिसमें सभी उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी वीसी से जुडे रहे। जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों को इस हेतु जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए। बैठक में उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में इसकी क्रियान्विति हेतु बैठक की दिनांक निर्धारित कर निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया तथा इसके बाद ग्राम सभा का आयोजन कर लागने वाले पौधों की प्रजाति, स्थान तथा वृक्षारोपण कराये जाने हेतु बजट मद प्रस्तावित करने के लिये कहा गया।
उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत उदयपुर जिले में 23 लाख पौध तैयारी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 प्रतिशत पौधे नगर निगम, नगर पालिका क्षेत्र में, 20 प्रतिशत पौधे ग्राम पंचायतों में तथा 60 प्रतिशत पौधे व्यक्तिगत लाभार्थियों को वितरित किये जाएंगे। वन विभाग के प्रमुख सचिव ने भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये। उप वन संरक्षक, उदयपुर ने ग्राम पंचायत वाइज निर्धारित लक्ष्य की जानकारी दी तथा इस हेतु स्कूल, जनजाति हॉस्टल, आंगनवाडी अन्य राजकीय परिसरों को भी चिन्हित कर इसकी सूचना प्रेषित करने हेतु कहा गया। बैठक में वन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों व क्षेत्रीय वन अधिकारियों ने भाग लिया।