कलेक्टर से शिकायत, अवैध बिक्री और साजिश पर कड़ी कार्रवाई की मांग
-जुगल कलाल
डूंगरपुर, 7 अक्टूबर । डूंगरपुर जिले के नेशनल हाईवे 48 स्थित बरौठी पटवारी और एक भूमि दलाल पर जमीन की खरीद-फरोख्त में धांधली और तालाब की जमीन को बेचने का मामला उजागर हुआ है। पीड़ित लक्ष्मण बरंडा ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पटवारी जयकिर्ती वरहात और भूमि दलाल धनपाल वरहात पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है। लक्ष्मण बरंडा ने बताया कि 20 अगस्त को भूमि दलाल धनपाल वरहात उनके घर पर एक जमीन बेचने का प्रस्ताव लेकर आया। धनपाल ने बताया कि चुंडावाड़ा मोड़ पर नवागांव की मुख्य सड़क के पास स्थित तालाब की जमीन बेचने के लिए कई लोग तैयार हैं। धनपाल पूर्व में वार्ड पंच रह चुका है और लंबे समय से जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है।लक्ष्मण के मुताबिक, भूमि दलाल धनपाल और बरौठी की पटवारी जयकिर्ती वरहात ने खसरा नंबर 74, 75, 76, और 77 की जमीन बेचने के लिए 17 लाख रुपये की मांग की। इसमें 10 लाख रुपये नकद, 5 लाख चेक द्वारा, और 2 लाख रुपये जमीन का हक मिलने के बाद देने की सहमति बनी। 30 अगस्त को पीड़ित को जमीन की नई जमाबंदी उपलब्ध कराई गई, लेकिन उसमें पूर्व जमाबंदी से अलग परिवर्तन देखने को मिला। नई जमाबंदी में कमला पत्नी अर्जुन ननोमा निवासी भीमसौर बलवाड़ा का नाम दर्ज था, जो पहले की जमाबंदी में नहीं था।
बरोठी पटवारी के शिक्षक पति और भूमि दलाल को 10 लाख नकद देने के आरोप : इस बदलाव को लेकर जब लक्ष्मण ने धनपाल से सवाल किया, तो धनपाल ने कहा कि कमला अर्जुन ननोमा से वह जमीन दिलवा देगा और जल्द ही पैसे देने का दबाव बनाया। 2 सितम्बर को, नेशनल हाईवे 48 पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर लक्ष्मण ने 10 लाख रुपये नकद दिए, जहाँ धनपाल के साथ पटवारी जयकिर्ती के शिक्षक पति राकेश और कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे। बाद में जब लक्ष्मण ने रजिस्ट्री कराने की बात की, तो धनपाल और पटवारी जयकिर्ती वरहात ने खुद को इस मामले से अनभिज्ञ बताया और उल्टा लक्ष्मण को फंसाने की धमकी देने लगे। परेशान लक्ष्मण ने अंततः कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। लक्ष्मण ने आरोप लगाया कि इस तरह की धोखाधड़ी से न केवल लोगों की मेहनत की कमाई बर्बाद हो रही है, बल्कि सरकारी जमीनों पर भी कब्जा हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस तरह के मामलों पर सख्त कदम उठाने की अपील की है।
वर्जन – पटवारी जयकिर्ती वरहात ने बताया कि पूरे प्रकरण में उनकी कोई भूमिका नही है। उनके शिक्षक पति दोपहर 2 बजे बाद गिरदावरी में सहयोग के लिए आते है। उस दिन कार में पैट्रोल भराने के लिए गए थे। जिसका सीसीटीवी फुटेज लक्ष्मण बरंड़ा लेकर घूम रहे है। मेरे पति ने किसी भी प्रकार की राशि नही ली। पूरे प्रकरण की जांच तहसीलदार बिछीवाड़ा कर रहे है।
वर्जन – तहसीलदार शैलेश गोस्वामी ने बताया कि कलेक्टर को दिए ज्ञापन के आधार पर जांच चल रही है। इसमें जमीन में कई बार म्यूटेशन(नामांतरण) खोलने की शिकायत हुई है। इसके लिए पिछल्ले छह माह का रिकॉर्ड भी जांचा जाएगा।