डूंगरपुर, 04 दिसंबर। लसुड़िया धाम की धार्मिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कल मोथली मोड़ और रतनपुर बॉर्डर पर 51 फीट ऊंचे पोल पर 11 फीट का नेजा ध्वज फहराया गया। गादीपति विक्रम महाराज के नेतृत्व में भक्ति और परंपरा के प्रतीक इस आयोजन में संतों, भक्तों और क्षेत्रीय नेताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। लसुड़िया धाम के पूज्य संत सती सुरमाल दास महाराज द्वारा हजारों साल पहले आदिवासी समाज को सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया था। उनके इस आह्वान के तहत आदिवासी समाज में हर घर पर नेजा फहराने की परंपरा का आरंभ हुआ। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, मोथली मोड़ और रतनपुर बॉर्डर पर 51 फीट ऊंचे पोल पर 11 फीट की नेजा ध्वज की भव्य स्थापना की गई। इस आयोजन का नेतृत्व गादीपति विक्रम महाराज ने किया। बीज के पावन अवसर पर आयोजित इस नेजा स्थापना में क्षेत्र के कई प्रमुख संत, साधु और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। थानदास महाराज मोथली, मगनदास महाराज पोगरा, तुलसी महाराज शिशोद, धर्मपाल महाराज देवपुरा, वागा महाराज देवल और हुरुजी महाराज सती रामपुर जैसे संतों ने इस अवसर को धर्म और भक्ति का प्रतीक बताया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक नानालाल अहारी, डूंगरपुर के भाजपा प्रत्याशी बंसीलाल कटारा, चौरासी से भाजपा प्रत्याशी कारीलाल ननोमा, मंडल अध्यक्ष मगन गमेती और अन्य सामाजिक व राजनीतिक प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सभी ने इस आयोजन को धार्मिक और सामाजिक एकता का अद्भुत उदाहरण बताया।
डूंगरपुर : लसुड़िया धाम ने मोथली मोड़ और रतनपुर बॉर्डर पर 51 फीट ऊंचे नेजा की भव्य स्थापना
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