लेकसिटी में दो दिवसीय अखिल भारतीय काव्य समागम एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू
उदयपुर, 15 सितंबर। लोकसभा क्षेत्र उदयपुर के सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए साहित्यकारों को राष्ट्रवाद को प्रेरित करने वाले साहित्य को सृजित करने की आवश्यकता है।ऐसे में साहित्यकार राष्ट्रवाद को प्रेरित करने वाले साहित्य को सृजित करते हुए राष्ट्रनिर्माण की आधारशिला स्थापित करें।
डॉ. रावत रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग, साहित्य विकास परिषद अहमदाबाद व अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अखिल भारतीय काव्य समागम 2024 एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उदयपुर, 15 सितंबर। लोकसभा क्षेत्र उदयपुर के सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए साहित्यकारों को राष्ट्रवाद को प्रेरित करने वाले साहित्य को सृजित करने की आवश्यकता है।ऐसे में साहित्यकार राष्ट्रवाद को प्रेरित करने वाले साहित्य को सृजित करते हुए राष्ट्रनिर्माण की आधारशिला स्थापित करें।
डॉ. रावत रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग, साहित्य विकास परिषद अहमदाबाद व अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अखिल भारतीय काव्य समागम 2024 एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने आह्वान किया कि साहित्यकार को देश, काल और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विषयों को चिह्नीत करते हुए साहित्य सृजन करना चाहिए और यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि साहित्य राष्ट्र प्रथम के मंतव्य पर आधारित हो। उन्होंने साहित्यकारों और कलाकारों को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से हरसंभव सहयोग को आश्वस्त किया और कहा कि मेवाड़, वागड़ व कांठल अंचल कला, साहित्य और संस्कृति की दृष्टि से बहुत ही समृद्ध है, ऐसे में साहित्यकार समन्वित प्रयास करते हुए इन्हें संरक्षण प्रदान करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष व समाजेसवी रविन्द्र श्रीमाली ने कहा कि राष्ट्रवाद की विचारधारा से प्रेरित होकर किया गया यह आयोजन कालचिंतन का साक्षात उदाहरण है। उन्होंने इस आयोजन के लिए आयोजकों के प्रयास की सराहना की।
बतौर विशिष्ट अतिथि कश्ती फाउण्डेशन की प्रमुख व समाजसेवी श्रीमती श्रद्धा मुर्डिया ने मेवाड़ अंचल में कला और साहित्य का परिदृश्य प्रस्तुत करते हुए संबल व प्रोत्साहन देने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कश्ती फाउंडेशन के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। इस मौके पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के चितौड़ प्रांत अध्यक्ष विष्णु शर्मा हरिहर, अनुष्का एकडेमी सचिव राजीव सुराणा और उपाध्यक्ष रविन्द्र उपाध्याय आदि ने भी बतौर अतिथि विचार व्यक्त कर इस आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष व समाजेसवी रविन्द्र श्रीमाली ने कहा कि राष्ट्रवाद की विचारधारा से प्रेरित होकर किया गया यह आयोजन कालचिंतन का साक्षात उदाहरण है। उन्होंने इस आयोजन के लिए आयोजकों के प्रयास की सराहना की।
बतौर विशिष्ट अतिथि कश्ती फाउण्डेशन की प्रमुख व समाजसेवी श्रीमती श्रद्धा मुर्डिया ने मेवाड़ अंचल में कला और साहित्य का परिदृश्य प्रस्तुत करते हुए संबल व प्रोत्साहन देने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कश्ती फाउंडेशन के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। इस मौके पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के चितौड़ प्रांत अध्यक्ष विष्णु शर्मा हरिहर, अनुष्का एकडेमी सचिव राजीव सुराणा और उपाध्यक्ष रविन्द्र उपाध्याय आदि ने भी बतौर अतिथि विचार व्यक्त कर इस आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम के आरंभ कार्यक्रम के आयोजक कपिल पालीवाल ने इस दो दिवसीय आयोजन के तहत होने वाले विभिन्न सत्रों के कार्यक्रमों की जानकारी दी और इस साहित्यकार समागम के मूल मंतव्य और प्रासंगिकता को उद्घाटित किया।
साहित्यकार-कलाकारों का किया सम्मान:
एकार्थ पुरोहित को संगीत व सोशल मीडिया के लिए संगीत गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। इसी प्रकार विद्यालयों में विकास कार्य के लिए योगदान देने वाले दृष्टिबाधित हरिओम मदन गोपाल मेनारिया को 11 हजार रूपये नकद देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शिल्पकार हेमंत जोशी, चित्रकार डॉ. चित्रसेन आदि का मुख्य अतिथि के हाथों सम्मान किया गया।
एकार्थ पुरोहित को संगीत व सोशल मीडिया के लिए संगीत गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। इसी प्रकार विद्यालयों में विकास कार्य के लिए योगदान देने वाले दृष्टिबाधित हरिओम मदन गोपाल मेनारिया को 11 हजार रूपये नकद देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शिल्पकार हेमंत जोशी, चित्रकार डॉ. चित्रसेन आदि का मुख्य अतिथि के हाथों सम्मान किया गया।
देश के 8 राज्यों के कवियों की प्रस्तुति में दिनभर बरसा काव्यामृत:
कार्यक्रम के प्रथम दिन देश के 8 राज्यों से आए कवियों की प्रस्तुतियों से दिनभर काव्यामृत की बरसात हुई। प्रथम सत्र के तहत आयोजित काव्य गोष्ठी में अहमदाबाद से मन कुमार, उदयपुर के कपिल पालीवाल, उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के हरिबहादुर ‘हर्ष‘ गांधीधाम से डॉ. संगीता पॉल व भोपाल से कुमार नितेश ने काव्य पाठ किया। इस सत्र का संचालन मध्यप्रदेश के मन कुमार करेंगे। अपराह्न में आयोजित द्वितीय सत्र की काव्य गोष्ठी में उज्जैन से दिनेश ‘अनल‘, अहमदाबाद से नरेन्द्र सिंह आऊवा, चित्रकूट से सुनील शौर्य, शिवपुर से कमल राठौड़, अवरेन्द्र अवस्थी फौजी काव्य पाठ किया। सत्र का संचालन अहमदाबाद से हरिबहादुर ने किया। तृतीय सत्र की काव्य गोष्ठी में मध्यप्रदेश के बालाघाट से लक्ष्मीचंद ठाकरे, नागदा से कृष्ण कुमार ‘सरल‘ व कैलाश सोनी ‘सार्थक‘, बृजराज सिंह जगावत व आलोक सनाढ्य, कमल राठौड काव्य पाठ किया। इस दौरान बाहर से पहुंचे समस्त साहित्यकारों का सम्मान किया गया । संचालन उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के हरिबहादुर ‘हर्ष‘ ने किया। गजल संध्या व काव्य प्रस्तुति दौरान उदयपुर के कलाकार भूपेन्द्र पंवार व कपिल पालीवाल ने मनोहारी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।
आज हेरिटेज वॉक विद फूड ट्रेल का रहेगा आकर्षणः
आयोजक कपिल पालीवाल ने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत में सुबह 6 से 8 बजे तक चिन्मय दीक्षित द्वारा हेरिटेज वॉक विद फूड ट्रेल का आयोजन होगा। सुबह 10 से 12 बजे तक आयोजित प्रथम वैचारिक सत्र में ‘भारतीय साहित्य में राष्ट्रबोध विषय पर चर्चा की जाएगी। जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष रविन्द्र उपाध्याय करेंगे और मुख्य अतिथि समाजसेवी हिम्मत सिंह चौहान होंगे। इसमें प्रतिभागी अहमदाबाद से मन कुमार, मध्यप्रदेश के जगदीश गुर्जर, उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के हरिबहादुर ‘हर्ष‘ व डॉ. आशीष सिसोदिया होंगे।
मध्याह्न 12 से 1.30 बजे तक आयोजित द्वितीय सत्र में साहित्य व कला में सोशल मीडिया व राष्ट्रवाद पर चर्चा की जाएगी। इसमें प्रतिभागी हिंदी विभाग सह आचार्य डॉ. नीतू परिहार व डॉ नीता त्रिवेदी, हिंदी विभाग के अध्यक्ष व सह आचार्य डॉ. नवीन नंदवाना, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, शिल्पकार हेमंत जोशी व वास्तुकार व स्केचर सुनील लढ्डा विचार रखेंगें। संचालन कहानीकार रजत मेघनानी करेंगे। कार्यक्रम का समापन सत्र दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक आयोजित होगा जिसके मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत के अध्यक्ष विष्णु हरिहर होंगे। विशिष्ट अतिथि वित्तीय सलाहकार व समाजसेवी गौतम राठौड़, श्रीमती नित्या सिंघल व आट्स कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. हेमंत त्रिवेदी होंगे।
मध्याह्न 12 से 1.30 बजे तक आयोजित द्वितीय सत्र में साहित्य व कला में सोशल मीडिया व राष्ट्रवाद पर चर्चा की जाएगी। इसमें प्रतिभागी हिंदी विभाग सह आचार्य डॉ. नीतू परिहार व डॉ नीता त्रिवेदी, हिंदी विभाग के अध्यक्ष व सह आचार्य डॉ. नवीन नंदवाना, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, शिल्पकार हेमंत जोशी व वास्तुकार व स्केचर सुनील लढ्डा विचार रखेंगें। संचालन कहानीकार रजत मेघनानी करेंगे। कार्यक्रम का समापन सत्र दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक आयोजित होगा जिसके मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत के अध्यक्ष विष्णु हरिहर होंगे। विशिष्ट अतिथि वित्तीय सलाहकार व समाजसेवी गौतम राठौड़, श्रीमती नित्या सिंघल व आट्स कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. हेमंत त्रिवेदी होंगे।