मेवाड़ के मौलिक विचार विकास के माध्यम से आगे दिखे-डॉ.मन्नालाल रावत

उदयपुर 3 जून। मेवाड़ के मौलिक विचार विकास के माध्यम से आगे दिखे। इसीलिए अरावली विचार मंच की आवश्यकता बनी। इस मंच के माध्यम से आने वाले विचारों पर तेजी से आगे बढ़ते हुए धरातल पर उतारेंगे। यह बात समाजसेवी डॉ. मन्नालाल रावत ने रविवार को अरावली विचार मंच की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम से जाखम बांध का पानी जयसमंद झील में लाने के विचार के क्रियान्वयन के लिए प्रबुद्धजनों की समिति गठित कर दी गई है। इसी तरह वनांचल में बहुतायत में पाए जाने वाले मीठे महुए के फूलों के दवाओं व अन्य बहुपयोगी कार्यों के लिए एक्सपोर्ट हो सके, जिससे कि वनवासियों को इसका पूरा मूल्य मिले। इसकी भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मेवाड़-वागड़ क्षेत्र में स्थित करीब साढ़े पांच सौ बावड़ियों को चिन्हित कर लिया गया है। इन बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर उन्हें पुनः जीवंत कर वहां हिन्दू संस्कृति के अनुरूप दीप-पूजन शुरू करने के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं।
अरावली विचार मंच के संयोजक चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने बताया कि इस मंच के माध्यम से आने वाले विचारों व विभागों के बीच समन्वय के लिए सदस्यों की समिति बनाई गई है। अन्य  जो भी विचार आए हैं, उस संबंध में विषय विशेषज्ञों से चर्चा की जा रही है। शीघ्र ही उनके क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। बैठक में मंच के वरिष्ठ सदस्य मनोज जोशी, क्रिकेट के पूर्व अंतरराष्ट्रीय एम्पायर बलवंत कुमार शर्मा, परिवहन विभाग से राजकुमार शर्मा, डेरी एवं तकनीकी महाविद्यालय के रिटायर्ड डीन विश्वम्भर दयाल मुद्गल, समाज सेवी व उद्यमी आकाश वागरेचा, राजेन्द्र जैन, डॉ. विवेक शर्मा, भेरूलाल तेली, लोकेश पालीवाल, रघुवीर वर्मा, पवन त्रिवेदी सहित मंच के आदि उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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