राजसमंद। 74 वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में श्री आलोक सुरोलिया, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, (अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) राजसमंद द्वारा ध्वजारोहण कर समस्त न्यायिक अधिकारीगण एवं कार्मिकगणों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें भेंट की।
गणतंत्र दिवस ध्वजारोहण के पश्चात् जिला न्यायाधीश महोदय ने उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण को संबोधित करते हुए बताया कि एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान में नागरिकों को मूल अधिकार प्रदान किये गये हैं, लेकिन नागरिकों पर संवैधानिक कत्र्तव्य भी अदिरोपित किए हैं। हमें न केवल अपने मूल अधिकारों के प्रति सजग रहना है वरन् संवैधानिक कत्र्तव्य का भी पालन करना चाहिए। कत्र्तव्य पालन से ही हम देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। इस अवसर पर श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) राजसमंद, न्यायाधीश, श्री पवन जीनवाल एससी/एसटी कोर्ट, श्री जितेन्द्र कुमार गोयल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्ेट, श्रीमती ऋचा चायल, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्ेट, राजसमंद, श्रीमती चेताली सोलंकी, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा न्यायिक कर्मचारीणगण उपस्थित रहे।
जिला कारागृह में मनाया गया गणंतत्र दिवस
गणतंत्र दिवस के अवसर पर श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने जिला कारागृह, राजसमंद में ध्वजारोहण किया व सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें भेंट की।
प्राधिकरण सचिव द्वारा झण्डारोहन के पश्चात् कारागृह में उपस्थित समस्त बंदियों से संवाद कर उन्हें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए गणतंत्र दिवस का महत्व बताया। उन्होंने कारागृह प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई मिठाई बंदियों को वितरित की तत्पश्चात् उन्होंने कारागृह का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को जांचा।