’आपसी रजामंदी से निस्तारित होंगे स्थायी विद्युत कनेक्शन विच्छेद और बिजली चोरी के प्रकरण’
अजमेर 05 सितंबर। अजमेर विद्युत वितरण निगम ने विद्युत कनेक्शन विच्छेद और बिजली चोरी के 1 लाख 2 हजार 195 मामलों को निस्तारित करने की तैयारी शुरू कर दी है। डिस्कॉम आगामी 09 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से यह मामले निस्तारित करेगा। इन उपभोक्ताओं पर डिस्कॉम का करीब 160.16 करोड़ रूपया बकाया है। लोक अदालत में आपसी सहमति से इन मामलों को निस्तारित किया जाएगा। अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एन एस निर्वाण ने सभी संभागीय मुख्य अभियन्ताओं तथा अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि वे लोक अदालत के लिए अपने कार्यालय के नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें। प्रबंध निदेशक निर्वाण ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में 09 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्बंध में निगम द्वारा जारी अद्यतन दिशा निर्देशों के अनुरूप निगम राजस्व से सम्बंधित प्रकरणों का अधिकाधिक निस्तारण करने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रबंध निदेशक निर्वाण ने सभी सम्भागीय मुख्य अभियन्ताओं को निर्देशित किया की वे राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रभावी एवं सफलतापूर्वक संचालन के लिए अपने-अपने क्षेत्रधिकार के अधीन कार्यालय द्वारा विभिन्न न्यायालयों के समक्ष नियुक्त नोडल अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से होना सुंनिश्चित करे। ताकि लोक अदालत में निस्तारित होने योग्य प्रकरणों का अधिकाधिक निस्तारण संभव हो सके। प्रबंध निदेशक श्री निर्वाण ने बताया कि स्थायी विद्युत संबंध विच्छेद के 92366 मामले बकाया हैं। इनमें अजमेर सिटी सर्किल के 3722, अजमेर जिला सर्किल के 2068, भीलवाड़ा सर्किल के 1924, नागौर सर्किल के 4159, झुंझुनू के 9134, सीकर के 14517, राजसमंद के 3055, बांसवाड़ा के 4813, डूंगरपुर के 7636, चित्तौड़गढ़ के 23373, प्रतापगढ़ के 6112 एवं उदयपुर सर्किल के 11853, पीडीसी उपभोक्ताओं को लोक अदालत के जरिये निस्तारण के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन पर निगम का कुल 143.54 करोड़ रुपयों का राजस्व बकाया है।
इसी तरह बिजली चोरी से संबंधित 9829 मामले लंबित हैं। इनमें अजमेर सिटी सर्किल के 163 अजमेर जिला सर्किल के 193, भीलवाड़ा के 257, नागौर के 1198, झुंझुनू के 3901, सीकर के 2253, राजसमंद के 23, बांसवाड़ा के 341, डूंगरपुर के 48, चित्तौड़गढ़ के 417, प्रतापगढ़ के 866 एवं उदयपुर के 169 वीसीआर वाले उपभोक्ताओं को लोक अदालत के जरिए निस्तारण करने के लिए नोटिस भेजे जा रहे है। इन पर निगम का कुल 16.62 करोड़ रुपयों का बकाया है।