-राजेश वर्मा
उदयपुर, 27 फरवरी। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि छात्र जीवन में जब वे समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल में रहकर पढ़ता था तब वे खाने के लिए डेढ़ रोटी चुराकर अपने पास रखते थे।
उन्होंने यह स्वीकारोक्ति यहां रेजीडेंसी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में की। मंत्री दिलावर ने बताया कि वे समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल में रहते हुए नवीं कक्षा में पढ़ रहे थे। उनके घर के सामने एक परिवार था जो साधन संपन्न था। उनके भंवरलाल व उसकी बहन दो बच्चे थे। एक दिन उनकी माता का अचानक निधन हो गया। पिता संपन्न होने से दोनों बच्चों की अच्छी परवरिश हो रही थी। लेकिन दुर्भाग्य से छह माह बाद पिता का भी निधन हो गया। रिश्तेदारों ने उनकी संपत्ति का खुर्दबुर्द कर दिया। एक दिन मटमेले कपड़े पहने भंवरलाल उनके पास हॉस्टल में आया। उसके चेहरे पर मिट्टी सी लगी थी। वे उसे पहचान गए। भंवरलाल ने उनसे रोटी मांगी। उन्होंने उससे पूछा क्या हुआ तो उसने कहा कि रोटी हो तो बात कर। उन्होंने अपने पास रखी डेढ़ रोटी जो वे चुराकर रखते थे, निकाल कर उसे दी। भंवरलाल ने उनसे दिल की बात साझा करते हुए कहा कि उसकी रेल से कटकर आत्महत्या कर लेने की इच्छा होती है। इस पर उसे टोकते हुए कहा कि वह ऐसा नहीं करे। वे उसके लिए हर रोज दो रोटी चुरा लेंगे जो खा लेना। दुर्भाग्य से पांच दिन बाद भंवरलाल रेल की पटरी पर कटा मिला। इस घटना से उस समय उन्हें बहुत दुख हुआ। दिलावर ने बताया कि जब वे समाज कल्याण मंत्री बने तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों को अपने पास बुलाया और यह घटना उन्हें साझा करते हुए ऐसे बेसहारा बच्चों के लिए कुछ करने की योजना बनाने को कहा। तब योजना बनाई गई और जिसका नाम पालनहार योजना रखा गया। अब तक उससे छह लाख बच्चे लाभाविंत हुए हैं जिनके खातों में सीधे ढाई हजार रुपए जमा होते हैं।