डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में क्लस्टर मैनेजर व कार्मिकों को डिजिटल सशक्तिकरण और साइबर जागरूकता का प्रशिक्षण

प्रतापगढ़,29 अगस्त ।भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य भारत में समाज को डिजिटली सशक्त करना और जागरूकता लाना है। आज के समय में जब पूरी दुनिया डिजिटल युग की और अग्रसर हो रही है, वहीं भारत में भी डिजिटल उपकरणों व डिजिटल सेवाओं का प्रयोग हमारी दिनचर्या और दैनिक गतिविधियों में बहुत तेजी से बढ़ रहा है| तथा सरकार भी सभी प्रकार की नागरिक सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान कर पेपरलेस गवर्नेंस की ओर कदम बढ़ा रही है।
जिला कलक्टर डॉ.अंजलि राजोरिया के नेतृत्व में प्रतापगढ़ जिले में “डिजिटल सशक्तिकरण और साइबर जागरूकता” के तहत सर्वप्रथम राजीविका के क्लस्टर मैनेजर एवं कार्मिकों को डिजिटल जागरूकता का प्रशिक्षण प्रदान कर इस अभियान की शुरुआत की गयी| डॉ.राजोरिया ने बताया कि डिजिटल दुनिया के वर्तमान परिदृश्य में, भारत के नागरिकों के बीच डिजिटल जागरूकता और ज्ञान का होना बहुत ही आवश्यक है। इस उद्देश्य के लिए, डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों के बारे में जागरूकता उन युवाओं/छात्रों एवं महिलाओं में शुरू की जानी चाहिए जो अपने जीवन में अक्सर इनका उपयोग करते हैं।
जिला कलक्टर ने सभी राजीविका कार्मिकों को निर्देश दिए कि वे यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अपने समूहों की सभी महिला सदस्यों को डिजिटल सशक्त करे एवं साइबर सुरक्षा के बारे में जागरुक करे| तथा साथ ही वे अपने अपने परिवार व बच्चों को भी साइबर क्राइम के सन्दर्भ में डिजिटली जागरुक करे कि डिजिटलीकरण के नकारात्मक पक्ष और साइबर अपराधों के बारे में उपयोगकर्ता को पता होना चाहिए कि इनका प्रयोग करते समय अगर सावधानी न बरते तो उसे बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है|
एन.आई.सी. के जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी कमल नयन पांडिया ने डिजिटल जागरूकता के इस अभियान में सरकार द्वारा नागरिक सेवाओं के लिए चलाये जा रहे कुछ महत्त्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बारे में बताया एवं डिजिटल ई-पेमेंट प्लेटफॉर्म, उमंग (UMANG) पोर्टल, टेली मानस (Tele MANAS) इत्यादि सेवाओं के लिए विस्तृत जानकारी दी| इसके साथ ही साइबर सुरक्षा के तहत बताया कि डिजिटल पेमेंट व प्लेटफार्म के उपयोग के समय साइबर क्राइम से सावधान रहना ही साइबर जागरूकता है| तथा साइबर अपराधी द्वारा किन किन तरीकों से लोगों के साथ खासकर महिलाओं व बच्चों से साइबर क्राइम जैसे ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) स्कैम, व्यक्तिगत जानकारी की चोरी और उसका दुरुपयोग, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से साइबर बुल्यींग या ब्लेकमेलिंग, बैंकिंग फ्रॉड और जॉब फ्रॉड, ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड इत्यादि किये जाते है|
इसके साथ ही महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा टिप्स के बारे में भी बताया कि किस तरह अपनी व्यक्तिगत तथा डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी को किसी से भी शेयर नहीं करके तथा कोई भी फ्रॉड ईमेल या SMS लिंक पर क्लिक नहीं करके साइबर क्राइम के शिकार होने से बचा जा सकता है| इसके लिए मोबाइल फ़ोन को सुरक्षित रखना भी बहुत जरुरी है जिसमें किसी भी तरह के अनावश्यक एप डाउनलोड न करे व विश्वसनीय स्त्रोत से ही एप डाउनलोड करे| इसके साथ ही वाहन चालकों व पैदल यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी भी दी|
यदि आप साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हो चुके है तो आप cybercrime पोर्टल या 1930 हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत कर सकते है| वर्तमान में डिजीटल अरेस्ट से वित्तीय धोखाधड़ी के मामले काफी हो रहे है| इससे बचने के लिए किसी 9 डिजिट के नंबर से कॉल आता है तो उसका जवाब नहीं दे| किसी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी शेयर न करे| संदेह होने पर तुरंत फ़ोन काट दे| कभी भी अनजान नंबर पर पैसे ट्रान्सफर न करे| इस तरह का कॉल आने पर परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी अवश्य दे| किसी भी अनजान कॉल से डराने धमकाने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करे|
सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के उप निदेशक अभिषेक मीणा ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह से महिला समूह अपने प्रोडक्ट को इन प्लेटफॉर्म्स पर सेलर के रूप में रजिस्टर कर सकते है | तथा साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा चलाये जा रहे राजस्थान ऑनलाइन स्टोर ई-बाजार पोर्टल पर भी अपने SSO आईडी से रजिस्ट्रेशन कर सकते है|
इसके साथ ही डीपीएम भेरू लाल मीणा ने राजीविका के विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की| उक्त प्रशिक्षण में राजीविका व एन.आई.सी. से अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे| लगभग 50-60 राजीविका के क्लस्टर मैनेजर एवं कार्मिकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया|
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!