राजस्थान में मत्स्य विकास की वर्तमान स्थिति चुनौतियां और भविष्य विषय पर हुई चर्चा

उदयपुर 11 मई। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान मुंबई व मत्स्य विभाग राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मत्स्य भवन में आयोजित हितधारक परामर्श कार्यशाला में राजस्थान में मत्स्य विकास की वर्तमान स्थिति चुनौतियां और भविष्य विषय पर चर्चा हुई।
कार्यशाला में केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान मुंबई के वैज्ञानिक डॉ पीएस अनंथम डॉ सुनील कुमार डॉ. नेहा कुरैशी सहित मत्स्य विभाग के अधिकारियों मात्स्यिकी महाविद्यालय उदयपुर के फैकल्टी एवं विद्यार्थी राजस संघ उदयपुर के अधिकारी विभिन्न जिलों के मत्स्य ठेकेदार मत्स्य कृषक एवं आदिवासी मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला में मत्स्य विभाग की वर्तमान स्थिति एवं मत्स्य विकास के क्षेत्र में आ रही विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई एवं प्रतिभागियों से इन समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव लिए गए। इनमें मुख्य रूप से जलाशय मात्स्यिकी विकास जलाशयो की वर्तमान लीजिंग पद्धति मत्स्य बीज उत्पादन एवं संग्रहण विभाग के प्रशासनिक ढांचे स्वीकृत एवं रिक्त पदो की स्थिति पर चर्चा की गई। साथ ही राज्य में पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत परियोजना की स्थिति एवं इन पर व्यय राशि पर भी मंथन किया गया और इन योजनाओं का प्रचार प्रसार कर इच्छुक किसानों से अधिक से अधिक आवेदन लेने का सुझाव लिया गया। कार्यषाला में विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा एवं प्राप्त सुझावों पर सीआईएफई द्वारा वर्ष 2030 तक का रोडमैप तैयार कर विभाग को प्रस्तुत किया जाएगा जिससे राजस्थान में मात्स्यिकी विकास को गति देने मे सहायता प्राप्त होगी। कार्यशाला में स्थानीय स्तर पर डॉ. एल एल शर्माए डॉ. बी एस चावडा सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया।

By Udaipurviews

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