-75वां संविधान दिवस पर विद्यार्थियों को दिलाई गई संविधान की शपथ
उदयपुर, 26 नवंबर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने ऐलान किया है कि विद्यापीठ में नव वर्ष पर एक भव्य ‘संविधान कक्ष’ और ‘संविधान पार्क’ का शुभारंभ किया जाएगा, जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यह पहल नागरिकों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराने और संविधान के महत्व को रेखांकित करने के लिए की जा रही है।
वे मंगलवार को 75 वें संविधान दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि संविधान दिवस स्वतंत्र भारत के नागरिक होने का गौरव महसूस कराने के साथ-साथ हमें संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा, “संविधान किसी भी देश की रीढ़ होता है। हमें गर्व है कि हमारे पास विश्व का सबसे लंबा और मजबूत हस्तलिखित संविधान है। संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और कर्तव्यों की पालना का संकल्प लेना है।”
’’नागरिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों की समझ जरूरी’’
प्रो. सारंगदेवोत ने इस अवसर पर कहा कि आम नागरिकों को संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों को समझने की आवश्यकता है। हम संविधान में दिए गए अधिकारों को हासिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए नागरिकों को शिक्षित और जागरूक करना होगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि विधि के विद्यार्थी इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन करना भी अनिवार्य है। जब नागरिक अपने अधिकारों के प्रति सजग और कर्तव्यों के प्रति उत्तरदायी बनेंगे, तभी देश उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।
’’संगोष्ठी में विचारों का आदान-प्रदान’’
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन डॉ. रचना राठौड़ ने किया। संगोष्ठी में डॉ. बलिदान जैन, डॉ. सुनिता मुर्डिया सहित कई शिक्षाविद और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी ने संविधान के महत्व और इसके पालन में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरणा ली।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों, एनसीसी कैडेट्स और संकाय सदस्यों को संविधान के प्रति जागरूक करने और इसके अधिकारों एवं कर्तव्यों की पालना की शपथ दिलाई।
इधर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक विधि महाविद्यालय में भी संविधान दिवस मनाया गया। मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल प्रो एस एस सारंगदेवोत साहब ने बताया कि इस दिन का महत्व भारतीय संविधान के अंगीकरण की याद दिलाने के लिए होता है, जो 26 नवंबर 1949 को हुआ था और 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।
इस अवसर पर विधि महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो कला मुनेत ने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने संविधान के उद्देशिका का पाठ किया और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः व्यक्त किया ताकि लोग भारतीय संविधान के महत्व को समझ सकें और संविधान के प्रावधानों का पालन करने के लिए प्रेरित हो सकें।