उदयपुर 10 अप्रैल। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के माध्यम से राज्य सरकार होनहार छात्र-छात्राओं को निशुल्क कोचिंग उपलब्ध करवा कर उनका जीवन संवार रही है। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत कोचिंग पाने वाले लाभार्थी भी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार जता रहे हैं।
निर्धन परिवारों के होनहार बच्चे अक्सर धनाभाव के कारण नीट की महंगी कोचिंग नहीं कर पाते और उन्हें अपने सपनों को यूँही छोड़ देने पर मजबूर होना पड़ता है लेकिन मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के लागू होने के बाद से स्थिति में व्यापक परिवर्तन दृष्टिगत होने लगा है। टीआरआई की अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी डॉ अमृता दाधीच ने बताया कि उदयपुर के टीआरआई परिसर में राज्य के कई जिलों की छात्राएं निशुल्क नीट कोचिंग प्राप्त कर अपना भविष्य संवार रही हैं तथा यहाँ उन्हें उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
डॉक्टर बनने की राह पर सुनीता
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत नीट की निशुल्क कोचिंग करने वालों में से एक सुनीता कुमारी मीणा पिता ऋषिकेश मीणा उदयपुर स्थित राजकीय बहूद्देशीय जनजाति छात्रावास में रह कर माणिक्य लाल आदिम जनजाति शोध संस्थान परिसर में प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान (एलेन) द्वारा कराई जा रही नीट की निःशुल्क कोचिंग कर रही हैं एवं डॉक्टर बनने की राह पर निरंतर अग्रसर हैं। सुनीता बताती हैं कि अगर मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना नहीं होती तो आज वे यहां नहीं होती।
सुनीता ने बताया कि वह एक निर्धन परिवार से है, परिवार में तीन बहने और दो छोटे भाई हैं एवं माता-पिता खेती करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनके गाँव में लोग कम पढे़ लिखे हैं, ऐसे में लड़कियों की शादी दसवीं पास होते ही कर दी जाती है लेकिन उनके पिता ऋषिकेश मीणा प्रगतिशील विचारों के समर्थक हैं। वे बेटों के साथ-साथ अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। जब उन्होंने अपनी बेटी को नीट की पढ़ाई के लिए बाहर भेजा तब लोगों ने उनके उन्हें खूब उलाहने दिए और कहा कि बेटी को पढ़ा कर क्या करोगे? लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी।
सुनीता ने बताया कि उन्हें आठवीं कक्षा से ही उन्हें विज्ञान विषय में रुचि उत्पन्न हो गई थी। अपने घर की कमजोर परिस्थितियों को देख उन्होंने आठवीं कक्ष में ही अपने माता-पिता से वायदा किया कि एक दिन ऐसा कुछ बन कर जरूर बताएगी जिससे अपने परिवार को मजबूत करे और नाम रोशन करे। उन्होंने जब अपने पिता को बताया कि उन्हें डॉक्टर बनना है तब पिता ने भी सहमति दे दी। स्कूली शिक्षा का सिलसिला चलता रहा एवं इसी बीच उन्हें उनके प्रधानाचार्य ने राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के बारे में बताया। इस योजना के तहत आवेदन करने के पश्चात् सुनीता का उदयपुर में स्क्रीनिंग टेस्ट हुआ जिसमें राज्यभर से जीव विज्ञान की 11वीं कक्षा की इच्छुक छात्राओं ने परीक्षा दी तथा कुल 200 छात्राओं में उनका चयन हुआ।
चयन के पश्चात उन्हें उदयपुर बुलाया गया और टीआरआई परिसर स्थित राजकीय जनजाति बहुउद्देशीय छात्रावास में दाखिला मिला। सुनीता बताती हैं कि उन्हें विश्वास नहीं हुआ जब यह पता चला कि देश की एक सबसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान (एलन) में उनका निशुल्क कोचिंग हेतु चयन हुआ है। उनकी कोचिंग 18 अक्टूबर 2021 को शुरू हुई तथा तब से वे यहाँ निशुल्क कोचिंग कर रही हैं और छात्रावास में रहवास की उत्कृष्ट व्यवस्थाएं भी मिल रही हैं एवं यहां की वार्डन भी उनका पूरा ख्याल रखती हैं। सुनीता ने बताया कि वह एलन से कोचिंग पाकर बहुत उत्साहित हैं और एक सफल डॉक्टर बनने के दृढ़ निश्चय के साथ निरंतर तैयारी कर रही हैं।
माता-पिता बेटियों को जरूर पढ़ाएं
सुनीता ने कहा है कि किसी भी माता-पिता को अपनी बेटियों को पढ़ाई से वंचित नहीं करना चाहिए और अब तो मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत दिन-रात महिला शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य करते हुए हर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना लागू नहीं करते तो शायद वह कभी नीट की तैयारी ही नहीं कर पाती। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है और अन्य स्टूडेंट्स से भी इस योजना का लाभ लेने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि राज्य के कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों को प्रोफेशनल कोर्स एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की थी। आशा के अनुरूप योजना की सफलता को देखते हुए गत वर्ष 2022-23 के बजट में लाभार्थियों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार की गई थी, जिसे वर्ष 2023-24 के बजट में बढ़ाकर 30 हजार कर दिया गया है।