मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती समारोह का किया शुभारंभ

महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य – मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट पर खर्च होंगे 100 करोड़
प्रताप गौरव केंद्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ पर हुआ आयोजन

उदयपुर, 8 जून। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान और भारत अपितु पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनकी वीरता, शौर्य और देशभक्ति को काल और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है। महाराणा प्रताप के जीवन से विषम परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटने तथा सदैव, सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में 100 करोड़ रुपयों की लागत से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शनिवार देर शाम उदयपुर के टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ परिसर में आयोजित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप गौरव केंद्र पर आकर जिस गौरव की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में कहना असंभव है। कल का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा हुआ है। कल जेष्ठ शुक्ल तृतीया है। कल मेवाड़ मुकुट, सनातन धर्म की आन-बान-शान, वीर शिरोमणि और हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप जी की जयंती है। उन्होंने महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि कल ही श्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं।
उन्होंने वीर प्रसूता मेवाड़ धरा को नमन करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में राजपूताने का गौरवपूर्ण स्थान रहा है और इस राजपूताने में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है। कवि श्यामनारायण पाण्डे की कविता की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप का नाम सुनते ही धमनियों में शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता है, मस्तक गर्व और स्वाभिमान से ऊंचा हो उठता है। उन्होंने वियतनाम और अमरीका के बीच 20 वर्ष तक चले युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि जब वियतनाम ने 20 साल लड़कर दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को उल्टे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया था, तब वियतनाम के राष्ट्रपति से इतनी लंबी जंग के प्रेरणा स्त्रोत के बारे में पूछा गया था। तब वियतनाम के राष्ट्रपति ने कहा था कि मैंने भारत के एक महापुरुष का जीवन चरित्र पढ़ा है और वह मेरे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। वह महापुरूष मेवाड़ के महाराणा प्रताप हैं। मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की शौर्यगाथा, मां पन्नाधाय के बलिदान, भामाशाह के सर्वस्व अर्पण तथा बप्पा रावल, महाराणा कुंभा और महाराणा सांगा की वीरता, पराक्रम को भी याद किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि आज आप और संस्कृति, सभ्यता व धर्म रक्षित हैं तो उसका कारण यही है कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरूष हुए, जो अपना राज्य बचाने के लिए नहीं बल्कि धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए लड़े। सर्वस्व त्याग कर जंगलों में रहकर और अभावों में जीवनयापन करके भी समर्पण नहीं किया। उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट पर खर्च होंगे 100 करोड़ :
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें किसी भी कीमत पर संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करना सिखाता है। नई पीढ़ी में ऐसे संस्कारों का संचार होना चाहिए। हम महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहते हैं। प्रदेश में जो भी पर्यटक आए, वह अपने साथ महाराणा प्रताप की शौर्य की गाथा साथ लेकर जाए। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों चावंड-हल्दीघाटी-गोगुंदा-कुंभलगढ़-दिवेर-उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ आकर होता है नई ऊर्जा का संचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति, उदयपुर ने प्रताप गौरव केंद्र, राष्ट्रीय तीर्थ बनाकर इतिहास के गर्त में छिपे मेवाड़ के त्याग, बलिदान, भक्ति को उद्घाटित करने का काम किया है। महाराणा प्रताप की 57 फीट की अष्टधातु से बनी प्रतिमा और विभिन्न दीर्घाएं इस स्थान को पुण्य भूमि का स्वरूप दे रहे हैं। यहां आने वाला हर पर्यटक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ राष्ट्र भक्ति से सराबोर हो जाता है। महाराणा प्रताप हम सब के प्रेरणा स्रोत हैं और आने वाले हजारों वर्षों तक देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे।
संस्कृति को आने वाले पीढ़ी के लिए सहेना है :
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति, इतिहास, विरासत पर गर्व होना चाहिए, किस तरह से हमारे महापुरूषों ने तमाम विपरित परिस्थितियों के बावजूद अपने स्वाभिमान, अपनी स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया। उस गौरवपूर्ण थाती को सहेज कर आने वाले पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए। इतिहास को जिस प्रकार तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया तथा बाहरी आक्रांताओं की पीढ़ी रटवाई गई, उन गलतियों को भी सुधारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम, संस्थाएं और पैनोरमा युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने में सहायक हैं।
यह रहे मौजूद :
कार्यक्रम के दौरान जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, सहकारिता राज्य मंत्री श्री गौतम दक, जीएम गु्रप मुंबई के चैयरमेन श्री रमेश जैन, जी बिजनेस मुंबई के मेनेजिंग एडिटर श्री अनिल सिंघवी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री शर्मा सहित अतिथियों ने भारत माता तथा महाराणा प्रताप की प्रतिमा की पूजा अर्चना की। कार्यक्रम संयोजक प्रताप गौरव केंद्र समिति सचिव महावीर चपलोत, समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। समिति के अध्यक्ष डॉ. भगवतीप्रकाश शर्मा व महामंत्री पवन शर्मा ने मुख्य वक्ता सह सरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल का स्वागत किया। निदेशक अनुराग सक्सेना, समिति के मंत्री मदनसिंह राठौड, अशोक पुरोहित, अभयसिंह राठौड़, एमएम टांक, प्रदीप बोहरा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। समिति के अध्यक्ष डॉ भगवतीप्रकाश शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। केंद्र निदेशक अनुराग सक्सेना ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत, उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा, सलूम्बर विधायक श्री अमृतलाल मीणा, गोगुन्दा विधायक श्री प्रताप गमेती, वल्लभनगर विधायक श्री उदयलाल डांगी, जिला प्रमुख श्रीमती ममता कुंवर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री निम्बाराम, श्री श्रीवर्धन, श्री प्रकाशचंद्र सहित कई प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
प्रताप को समर्पित चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ, अवलोकन
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने प्रताप गौरव केंद्र परिसर स्थित पद्मिनी सभागार में महाराणा प्रताप को समर्पित चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। प्रदर्शनी में महाराणा प्रताप जयंती समारोह के तहत आयोजित कला कार्यशाला में स्थानीय तथा देश भर से आए ख्यातनाम चित्रकारों द्वारा तैयार की गई कृतियों का प्रदर्शन किया गया। चित्रकारों ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े घटनाक्रमों और वृतान्तों को कैनवास पर उकेर कर मानों जीवंत सा कर दिया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए सराहना की। इस दौरान यहां पहुंचे शहरवासियों व प्रबुद्धजनों से मुलाकात की।
डबोक एयरपोर्ट पर स्वागत
इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री शर्मा शनिवार शाम करीब 5.45 बजे राजकीय विमान से डबोक स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पहुंचे। यहां केबिनेट मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, संभागीय आयुक्त श्री राजेंद्र भट्ट, पुलिस महानिरीक्षक श्री अजयपाल लांबा, जिला कलक्टर श्री अरविन्द पोसवाल, उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा, सलूम्बर विधायक श्री अमृतलाल, गोगुन्दा विधायक श्री प्रताप गमेती, जिला प्रमुख श्रीमती ममता कुंवर आदि ने उनकी अगवानी की। महाराणा प्रताप जयंती महोत्सव के उद्घाटन सत्र में भाग लेने के पश्चात मुख्यमंत्री डबोक पहुंचे तथा वहां से राजकीय विमान से जयपुर के लिए प्रस्थान किया।
महाराणा प्रताप जयंती समारोह में यह हुआ अब तक :
उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में चार दिवसीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह 6 जून से प्रारंभ हुआ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के तत्वावधान में आयोजित समारोह में कला और संस्कृति से जुड़ी विविधि कार्यशालाएं हुई। इसमें संस्कार भारती के सहयोग से राष्ट्रीय कला कार्यशाला, पुरालेख एवं भाषा विज्ञान कार्यशाला, लघु फिल्म निर्माण कार्यशाला, कथा-कथन कार्यशाला तथा जीवन कौशल कार्यशालाएं शामिल हैं। इन कार्यशालाओं में देश के ख्यातनाम व्यक्तित्वों और विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिला। 8 जून को ही अपराह्न चार बजे जी बिजनेस के प्रबंध संपादक अनिल सिंघवी ने ‘आब्स्टेकल्स टू अपोर्चुनिटीज’ विषय पर व्याख्यान दिया। शाम 6 बजे से प्रताप जयंती मुख्य समारोह का उद्घाटन सत्र मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। रात्रि 8.30 बजे कथा-कथन ‘अमरता री वातां’ कार्यक्रम हुआ।
आज होंगे यह कार्यक्रम :
9 जून को सुबह 9.30 बजे से मास्टर कक्षाओं का क्रम शुरू होगा। इसमें क्रमशः भारतीय कला परम्परा में सांस्कृतिक राष्ट्र दृष्टि, भाषायी परम्परा में जीवंत भारत, मोटिवेशनल टॉक, सिनेमा और भारतीय विमर्श तथा धरती से जुड़ी कहानियां विषयक मास्टर क्लासेज होंगी। इससे पूर्व 9 जून को ही महाराणा प्रताप जयंती पर आयोजनों का आरंभ सुबह 7 बजे महाराणा प्रताप की विशाल 57 फ़ीट की बैठक प्रतिमा के दुग्धाभिषेक से होगा। शाम साढ़े पांच बजे विशाल सभा होगी जिसमें उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी मुख्य अतिथि होंगी। रात्रि 8 बजे वीर रस कवि सम्मेलन ‘जो दृढ़ राखे धर्म को’ का आयोजन होगा।

By Udaipurviews

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