मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना 2.0

जिला परिषद सीईओ ने प्रस्तावों की धीमी गति पर जताई नाराजगी
उदयपुर, 13 मई। मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना 2.0 के तहत कार्यों के प्रस्ताव भिजवाने में देरी होने पर जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सम्बंधित अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि जिला कलक्टर श्री अरविंद पोसवाल के निर्देशानुसार इस कार्य में कोताही बरतने वालों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मकर कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को जिला परिषद सभागार में उदयपुर व सलूम्बर जिले की पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों, अभियंताओं एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों की बैठक में जिला परिषद सीईओ ने योजना की प्रगति की समीक्षा की। आवंटित 2248 कार्यों के लक्ष्य के विरूद्ध बहुत ही कम कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त होने को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को शेष प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए। सिर्फ जयसमंद, झाड़ोल, झल्लारा, लसाड़िया व सायरा पंचायत समितियों की प्रगित संतोषप्रद रही। उन्होने कहा कि यह योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित योजना है जिसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होने पंचायती राज, ग्रामीण विकास, जलग्रहण, वन विभाग आदि के कार्यों की वर्गीकृत सूची तैयार करने को कहा और प्रस्तावित कार्यों की लोकेशन संबंधित किसी भी विसंगित को दूर करने के लिए विभागीय समन्वय पर जोर दिया। राठौड़ ने कहा कि स्टेट फंड से जुड़े कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करते हुए कार्यादेश शीघ्र जारी किए जाएं ताकि कार्य प्रारम्भ हो सके। जिला परिषद अतिरिक्त सीईओ अंजुम ताहिर सम्मा, पंचायत समितियों के विकास अधिकारी, जलग्रहण विभाग के अभियंता, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, राजीविका आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मानसून में पौधारोपण अभियान के लिए जिला परिषद में स्थापित होगा कंट्रोल रूम
जिला परिषद सीईओ ने अभियान के समयबद्ध संचालन के दिए निर्देश

उदयपुर, 13 मई। आसन्न मानसून में सघन पौधारोपण के राज्य सरकार के अभियान को लेकर आयोजित अन्य बैठक में जिला परिषद सीईओ ने जिले में पौधारोपण के लिए चयनित 4 हजार स्थलों के शीघ्र सत्यापन के निर्देश दिए।
हाल में अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए सीईओ ने कहा कि यह समयबद्ध अभियान है जिसे निर्धारित समय सीमा में पूरा करना है। अभियान के तहत पौधों की सप्लाई के लिए 15 मई तक नर्सरी का चयन करना है और 31 मई तक कार्य स्वीकृत किए जाने हैं। 15 जून से अथवा मानसून से पूर्व खाइयां खोदने और भूमि संबंधी सभी कार्य पूर्ण करते हुए जुलाई माह में पौधारोपण प्रारम्भ किया जाना है जो 15 अगस्त तक चलेगा। अगले एक माह तक पौधों की देखभाल एवं उनके जीवित रहने का लगातार निरीक्षण किया जाएगा।
सीईओ ने जिला परिषद में एक कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए जहां से अभियान पर लगातार नजर रखी जाएगा। अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक भूमि, पहाड़ियों, बंजर भूमि, चरागाह, गांव के जंगल, सार्वजनिक संस्थाओं के परिसरों, तालाब किनारे, नदी तट, उद्यान, रास्तों के दोनों तरफ, सड़क व रेलवे ट्रेक किनारे, नहर के दोनों तरफ, खेतों की मेड़ आदि स्थानों पर पौधारोपण किया जाएगा। बाउन्ड्री वॉल युक्त आंगनवाड़ियों में न्यूट्री गार्डन विकसित किए जाएंगे जहां फलदार पौधें एवं पोषक सब्जियां रोपी जाएंगी। जिला परिषद अतिरिक्त सीईओ अंजुम ताहिर सम्मा, पंचायत समितियों के विकास अधिकारी सहित अन्य उपस्थित रहे।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!