उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर वासुपूज्य महाराज मन्दिर का ट्रस्ट की ओर से आज सुरजपोल बाहर दादाबाड़ी में डॉ. संयम ज्योति म.सा.,संयम गुणाश्री एवं संयम साक्षीश्री म.सा. का चातुर्मास की विदाई समारोह आयोजित किया गया। जिसमें अनेक वक्ताओं ने गीतिकाओं सहित विरह के गीतों की प्रसतुति दी। इससे वहंा उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं की आंखे नम हो गयी।
समारोह में बोलते हुए डॉ. संयम ज्योति ने कहा कि व्यक्ति को अपना मूल्यांकन स्वयं करना चाहिये। व्यक्ति मैं कहां हूं इस यक्ष प्रश्न को ध्यान में रखेगा तो उसकी चेतना जागृत होगी। चातुर्मास के दौरान सभी से भूलें हुई होगी उन भूलों को भ्ूाल कर एक-दूसरे को माफ करते हुए आगे बढ़़़ना चाहिये। किसी भी समाज या देश का मंत्री मजबूत है तो उस समाज या देश का चहंुमुखी विकास होता है।
संयम साक्षीश्री म.सा. ने कहा उमंग व उत्साह के साथ आपनें चातुर्मास के 4 माह के दौरान जो भी श्रवण किया,उसे अपने जीवन में उतारेंगे ता आपका जीवन धन्य हो जायेगा। जीवन को व्यावहारिक रूप से जीएं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि जीवन में सात्विक भोजन करते हुए कंदमूल का त्याग करना चाहिये। जीवन में अर्जित किये गये पुण्य हमंे संकट से मुक्ति दिलाते है। पाली से आये कमल वर्डिया ने कहा कि संसार को छोड़े तब शरीर पर सफेद वस्त्र हो, ऐसी भावना हम सभी के मन में होनी चाहिये। इस अवसर पर उन्होंने विरह के गीत ना जाआं गुरूवर आज,ओ नैना रोए,गुरूवर की याद सताएं,संासों की डोरी कहीं टूट न जायें….की प्रस्तुति दी। सुभाष महात्मा ने कहा कि धर्म की प्यास लगे बिना हम उसका आनन्द नहंी ले सकते है। डॉ. मंजू चौधरी ने हम को तुम भा गये,तुम हृदय पर छा गये,ओ मेरे गुरूवर…,गीतिका प्रस्तुत की। समारोह को वंदना नाहर,निखिल,महावीर स्वाध्याय समिति अंबामाता के अध्यक्ष प्रकाश कोठारी,वीरेन्द्र,अनिल पटवा,अनिता पटवा,विनीता कोठारी,कमल वर्डिया,कुलदीप नाहर,राजेन्द्र, संगीता,माया सिरोया ने समारोह को संबोधित किया। नन्हें-नन्हें बालक विहान चौधरी,युवान कोठारी,साक्षी व वैशाली ने भी गीतिका की प्रस्तुति दी।
ट्रस्टी राज लोढ़ा ने कहा कि चार माह में म.सा. द्वारा किये गये प्रवचनों को सुन हमें अपने कर्तव्य का बोध हुआ। इस दौरान विविध विषयों पर प्रवचन हुए। म.सा. का आशीर्वाद हमेश्ंाा मिलता रहे, ऐसी सभी की भावना रही। वासुपूज्य भक्त् िमण्डल की प्रतिभा सुराणा ने गीतिका गुरूवर विदाई का यह पल क्यों आया है…,खतरगच्छ महिला परिषद की माया सिरोया ने भी गीतिका की प्रस्तुति दी।
कवि प्रकाश नागौरी ने कहा कि चार माह के दौरान साध्वीवृन्द ने हमें जीवन की दशा व दिशा बदलने की प्रेरणा दी लेकिन हम उस पर और धर्म के मार्ग पर कितना चल पायें इसका आत्मावलोकन करना चाहिये। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश नागौरी ने किया। अंत में आभार शैलेन्द्र्र लोढ़़ा ने ज्ञापित किया।