Arts & Culture

विद्यापीठ – फिश पोंड व एक्वेरियम लेब का किया शुभारंभ

विद्यापीठ – फिश पोंड व एक्वेरियम लेब का किया शुभारंभ

उदयपुर 06 सितम्बर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के संघटक स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेस की ओर से नवनिर्मित फीश पोंड एवं एक्वेरियम लेब का शुभारंभ मंगलवार को कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, डीन प्रो. गजेन्द्र माथुर, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. आईजे माथुर, डॉ. रचना राठौड, डॉ. अमी राठौड, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. महेश कुमार आचार्य, सौरभ राठौड़ ने किया। प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम से जोड़ने के उद्देश्य से महाविद्यालय प्रारंण में इसको स्थापित किया गया है। इसमें कटला, रोहू, मृगल, तिलपियॉ मछलियों को छोडा गया है जिससे विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की…
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Naina Somani, A Freelance artist

Naina Somani, A Freelance artist

Naina Somani, A Freelance artist : Born in Udaipur in September, 98 , Since Childhood, She was brought up in an environment that helped nurture her love for painting at a very young age. She remembers her childhood when it all began, from the colouring books which her father brought and she used to finish them in a very short span of time.Naina believes that every child has an eye for art but somewhere down the line the skill of art is considered just as a hobby and not allowed to grow, instead this skill is Stiffled in by the…
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मेवाड़ महोत्सव (उदयपुर)

मेवाड़ महोत्सव (उदयपुर)

मेवाड़ महोत्सव उदयपुर, राजस्थान में मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। यह भारत का दूसरा जीवित सांस्कृतिक त्योहार है, जो उदयपुर में वार्षिक रुप से मनाया जाता है। मेवाड़ महोत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है। यह तीन दिवसीय त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत का स्वागत करता है। इस त्योहार के दौरान, गणगौर और इसार की मूर्तियों को शहर के विभिन्न भागों के माध्यम से एक जुलूस के रूप में वितरित किया जाता है। उदयपुर में भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा का नेतृत्व के साथ ही राजस्थान में मेवाड़ की सभी जीवित विरासतों की रक्षा करने…
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मेवाड़ का पारंपरिक लोक नृत्य गवरी

मेवाड़ का पारंपरिक लोक नृत्य गवरी

मेवाड़ क्षेत्र में किया जाने वाला यह नृत्य भील जनजाति का प्रसिद्ध नृत्य है। इस नृत्य को सावन-भादो माह में किया जाता है। इस में मांदल और थाली के प्रयोग के कारण इसे ' राई नृत्य' के नाम से जाना जाता है। https://youtu.be/yGyO0mf0sn0 इसे केवल पुरुषों के दुवारा किया जाता है। वादन संवाद, प्रस्तुतिकरण और लोक-संस्कृति के प्रतीकों में मेवाड़ की गवरी निराली है। गवरी का उदभव शिव-भस्मासुर की कथा से माना जाता है।इसका आयोजन रक्षाबंधन के दुसरे दिन से शुरू होता है। गवरी सवा महीने तक खेली जाती है। इसमें भील संस्कृति की प्रमुखता रहती है। यह पर्व आदिवासी…
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शिल्पग्राम उदयपुर (Shilpgram Udaipur)

शिल्पग्राम उदयपुर (Shilpgram Udaipur)

शिल्पग्राम उदयपुर के पशिचम में लगभग ३ किलोमीटर दूर गांव हवाला में स्थित है। लगभग 16.1500 है- भूमि क्षेत्र में फैला तथा अरावली पर्वतमालाओं के मध्य में बना शिल्पग्राम पशिचम क्षेत्र के ग्रामीण तथा आदिम संस्कृति एवं जीवन शैली को दर्शाने वाला एक जीवन्त संग्रहालय है। यह आदिवासी लोक कला एवं सभ्यता-संस्कृति का संग्रहालय है, जहां लोक जीवन के प्रतीकों को कलात्मकता से प्रदर्शित किया गया है। शिल्पग्राम में एक भव्य मुक्ताकाशी रंगमंच आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। दो चट्टानों के मध्य आयताकार एवं अर्धचंद्राकार बने इस रंगमंच पर सदस्य राज्यों के लोक कलाकार अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।…
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