—सामाजिक बहिष्कार और धमकियों पर कार्रवाई
उदयपुर, 2 जनवरी : जिले के भिंडर थाना क्षेत्र में गांव के स्वयंभू पंचों द्वारा एक परिवार को प्रताड़ित करने और अनैतिक दबाव बनाने के चलते पंचों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है। मामले में जाति पंचायत के स्वयंभू पंचों द्वारा उनके परिवार को धमकी देने और सामाजिक बहिष्कार करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस के अनुसार हींता गांव के रहने वाले जगदीश अहीर पुत्र एलीराम ने शिकायत में बताया कि उसके भतीजे राजेन्द्र ने नीमड़ी गांव की पायल से भागकर विवाह किया था। इसके बाद जाति पंचायत ने परिवार पर दबाव डालते हुए कहा कि “लड़की के बदले लड़की” चाहिए और उसकी 2 साल की नाबालिग बेटी की शादी हरलाल अहीर के परिवार में तय करने को मजबूर किया। जब उन्होंने इसे मानने से इनकार किया, तो उनके परिवार को समाज से बाहर करने की धमकी दी गई।
पंचायत के फरमान और धमकियां – पंचायत ने जगदीश और उसके परिवार पर पांच कठोर सामाजिक प्रतिबंध लगाए, जिनमें गांव के मंदिर में प्रवेश निषेध, बेटी-व्यवहार बंद, पानी और मदद रोकने का आदेश शामिल था। इसके अतिरिक्त परिवार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बहिष्कार का ऐलान किया गया। इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़ित परिवार पर मुकदमा वापस लेने और जुर्माने के रूप में 15 लाख रुपए देने के लिए भी दबाव बनाया।
पुलिस में शिकायत और सुरक्षा- जगदीश की शिकायत पर पुलिस ने नीमड़ी निवासी आरोपी हरलाल पुत्र मोतीलाल, जगदीश पुत्र भंवरलाल, नाथू लाल पुत्र हेमराज, दल्ला पुत्र गंगाराम निवासी हमेरपुरा तथा हिंता निवासी पिंटू पुत्र हीरालाल, मदन पुत्र भैराराजी, भंवर पुत्र हेलीराम व मुकेश पुत्र गोपीलाल निवासी खोखरवास के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मंजू सोलंकी ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। स्वयंभू पंचों ने अवैध फरमान जारी कर संविधान और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।