मनोसामाजिक विकास का आधार है स्तनपान

उदयपुर।  महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना के तहत बडगांव पंचायत समिति के परिचालन गांव फेरनियों का गुड़ा में “स्तनपान सप्ताह का समापन समरोह आयोजित स्तनपान सप्ताह के समापन कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक ,मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग की आचार्य डॉ. गायत्री तिवारी , ने व्यक्त किये I आपने कहा की स्तनपान, एक प्राकृतिक और सुंदर प्रक्रिया है जो माँ और बच्चे के बीच घनिष्ठता और जुड़ाव को मज़बूत बनाने में मदद करती है। आलिंगन के दौरान महसूस किया गया संबंध और बंधन मनोवैज्ञानिक रूप से अत्यंत लाभकारी होता है,इससे शिशु में सुरक्षा की भावना बढ़ती है जो कालांतर में उसके मनोसामाजिक विकास के लिए आवश्यक है Iस्तनपान से संबंधित मिथकों को भी दूर किया गया I
संयोजन एवं धन्यवाद ज्ञापन यंग प्रोफेशनल डॉ. स्नेहा जैन ने किया I प्रशिक्षण के आयोजन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती दयावंती और सहायिका मंजू देवी का भी विशेष योगदान रहा Iलगभग 29 महिलाओं की सक्रीय भागीदारी रही .अंत में महिलाओं को सब्जियों के बीज भी वितरित किये गए I

By Udaipurviews

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