उदयपुर। सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण ने जयपुर के सरकारी टीचर शेरसिंह मीणा से 40 लाख रुपए में पेपर लिया था। इसके बाद 5-5 लाख रुपए में अन्य अभ्यर्थियों को यह पेपर बेचा गया। जयपुर जिले के चौमू निवासी टीचर को पेपर लीक का माफिया बताया जा रहा है।
उदयपुर पुलिस को पूछताछ में सारण ने बताया कि 24 दिसम्बर 2022 को टीचर भर्ती का जनरल नॉलेज का पेपर था। उस दिन आबूरोड में तैनात सरकारी टीचर शेरसिंह मीणा ने ही भूपेंद्र सारण को पेपर उपलब्ध कराया था और बाद में अभ्यर्थियों को पांच—पांच लाख रुपए में बेचा था। भूपेन्द्र सारण ने बताया कि पुलिस की सक्रियता से वह डर गया और वह अहमदाबाद भाग गया था। जहां वह 25 दिन रहा। जिसके बाद वह राजस्थान लौट आया और जालोर, बीकानेर, बाड़मेर, अजमेर, फागी में कुछ दिनों तक रुका। गिरफ्तारी के डर से वह दोबारा अहमदाबाद भाग गया। 28 दिन अहमदाबाद में रहने के बाद बेंगलुरु पहुंचा था और पुलिस ने उसे दबोच लिया था।
हाईकोर्ट ने रद्द की सरगना पीराराम की जमानत याचिका खारिज
सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले मेंं बस में नकल के दौरान पकड़े गए बस ड्राइवर पीराराम की हाइकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी न तो परीक्षा का अभ्यर्थी है, न ही वह ड्राइवर की हैसियत से आया। बल्कि पीराराम ने संगठित गिरोह के सदस्य के रूप में परीक्षार्थियों को इकट्ठा किया। साथ ही कई दिनों से सरगना सुरेश विश्नोई के साथ प्लानिंग कर पूरे मामले में एक्टिव रहा। पीराराम ने नकल के लिए बस व क्रेटा गाडी उपलब्ध कराई।