-बीटीएसएस की राष्ट्रीय कोर परिषद की उत्तरार्द्ध बैठक में जुटेंगे देश भर के चिंतक
उदयपुर, 27 सितम्बर। भारत तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय कोर परिषद की उतरार्द्ध बैठक यहां स्थानीय हिरण मगरी सेक्टर 13 स्थित आशीष वाटिका में 28 व 29 सितंबर को होगी। प्रखर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ सुदृढ़ अखंड भारत निर्माण की दिशा में कार्यरत संघ की इस बैठक का नाम ‘तप 2024’ रखा गया है। बैठक में देश भर से चिंतक जुटेंगे।
संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक (संवाद प्रभाग) संजय सोनी ने बताया कि तिब्बत को चीन से स्वतंत्र कराए बगैर भारत की आजादी अधूरी है, इस विचार से संघ निरंतर विभिन्न उपक्रमों व कार्यक्रमों की रचना कर अभियान चलाता जा रहा है। इसी के तहत इस बैठक में भी आगामी कार्ययोजना के मदृेनजर बड़े प्रस्ताव लिए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि तप 2024 में प्रथम दिन पांच सत्र और दूसरे दिन दो सत्र होंगे। इन सत्रों में संघ के अब तक के कार्यों की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति पर विचार होगा। पहले दिन शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे उद्घाटन सत्र होगा। दूसरे दिन रविवार को 12 बजे से समापन सत्र होगा।
बैठक में देश के विभिन्न भागों से आए संघ के राष्ट्रीय दायित्व प्राप्त कार्यकर्ता भाग लेंगे। केंद्रीय संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार हेमेंद्र तोमर लखनऊ से, केंद्रीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य व महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित बीकानेर से, राष्ट्रीय महामंत्री लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीनिवास राव बेंगलूरु से, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सहकारिता क्षेत्र की जानीमानी हस्ती प्रकाश रत्न पारखी खरगौन से, तिब्बती मामलों के विशेषज्ञ व गणित के प्रोफेसर डॉ सचिन श्रीवास्तव कांगड़ा से, शिवालय संरक्षण समिति के प्रभारी व वारकरी संप्रदाय के महंत बाबा जलगांव से, मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति व केंद्रीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य प्रो. परमेंद्र दशोरा अलीगढ़ जो मूलत: उदयपुर से हैं, इसमें शामिल होंगे।
बैठक में अंतरराष्ट्रीय वातावरण के साथ-साथ देश की आंतरिक स्थितियों पर चिंतन के साथ सनातन को सुरक्षित व समृद्ध कर देश को परम समर्थ अखंड भारत बनने की दिशा में आगामी कार्ययोजना बनाई जाएगी। बैठक में शंकर भगवान के मूल गांव, गणेश जी व कार्तिकेय जी की जन्मस्थली कैलाश मानसरोवर की चीन से मुक्ति, तिरुपति प्रसादम को अपवित्र करने के षड्यंत्र व यूपी में खाने-पीने की समस्त दुकानों पर मालिक, संचालक व सभी कर्मियों के नाम सार्वजनिक तौर पर लिखने व भोजन—आहार बनाने के स्थान पर सीसीटीवी लगाए जाने के सीएम योगी के निर्णय सहित कई बिन्दु चर्चा का विषय रहेंगे।