ओ भेरूजी थारो भक्त बणू मैं…. भक्ति करू ऐसी की इतिहास बना दूं….
उदयपुर 27 अगस्त। ओ भेरूजी थारो भक्त बणू मैं…. भक्ति करू ऐसी की इतिहास बना दूं….. आणो पड़ेगा दादा थाणे आणो पड़ेगा….. जैसे भक्ति गीतों का रसपान करते हुए सैकड़ों भक्त भैरव भक्ति में ऐसे रमे कि पूरी अरिहंत वाटिका जैसे श्रद्धा भक्ति में डूब गई हो। ऐसा लगा मानो साक्षात श्री भैरवनाथ भक्तों के सामने विराजे हो। यह अद्भुत दृश्य था रविवार शाम को अरिहंत वाटिका का जहां पर श्री नाकोड़ा भैरव भक्त मंडल उदयपुर की ओर से एक शाम श्री पार्श्वभैरव के नाम भव्य भक्ति संध्या का। भक्ति संध्या में एक से बढ़कर एक दादा के ऐसे भजन प्रस्तुत किए गए कि वहां उपस्थित सैकड़ो भक्त दादा की भक्ति में भाव विभोर होकर झूमने लगे।
आयोजक मंडल के सदस्य संजय खमेसरा ने बताया कि भव्य भक्ति संध्या में सर्वप्रथम मुंबई के मुख्य गायक कलाकार विक्की डी पारेख ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भक्ति रस में डुबो दिया। उसके बाद जयपुर की सह कलाकार डॉक्टर सीमा दफ्तरी ने अपने सुरों का ऐसा रस बिखेरा कि भक्त झूमने लगे। तीसरे नंबर पर मंच पर अपनी प्रस्तुति देने आए उदयपुर के सह कलाकार संजय भंडारी ने भी अपनी प्रस्तुतियों और अपनी आवाज से विशेष छाप छोड़ी।
शाम 8.30 बजे शुरू हुई भव्य भक्ति संध्या देर रात तक चली। रात 12.15 बजे 1008 दीपकों से भैरवनाथ की आरती उतारी गई।
भजन संध्या में आयोजन मंडल के प्रमुख रूप से ऋषभ डागलिया, दीपक हरकावत, संजय खमेसरा, सागर हरकावत, अनूप लोढ़ा, विनय डागलिया, अंशुल लोढ़ा, सौरभ करणपुरिया एवं नमन डागलिया ने सभी व्यवस्थाओं का संचालन किया।
इससे पूर्व अरिहंत वाटिका में श्री नाकोड़ा भैरव भक्त मंडल की ओर से एक शाम श्री पार्श्वभैरव के नाथ भक्ति संध्या से पूर्व दोपहर 3.30 बजे भव्य वरघोडा निकाला गया। आयोजक मंडल के सदस्य संजय खमेसरा ने बताया कि शोभागपुरा 100 फीट रोड स्थित आदिनाथ जैन मंदिर से बैंड बाजों के साथ सैकड़ो समाज जनों की उपस्थिति में भगवान के जय कारों की करतल ध्वनि के साथ भव्य वरघोड़ा प्रारंभ हुआ। वरघोड़े में 15 सफेद घोड़े, एक बग्गी जिसमें श्री नाकोड़ा भैरवनाथ एवं पार्श्वभैरव को विराजमान किया गया। सैकड़ो समाज जनों की उपस्थिति में बैंड बाजो के साथ वरघोड़ा शोभागपुरा 100 फीट रोड स्थित आदिनाथ जैन मंदिर से प्रारंभ हुआ जो सेन्ट ग्रिगोरियस स्कूल होते हुए विभिन्न मार्गाे से गुजरता और अरिहंत वाटिका पहुंचा। वरघोड़े में भगवान के जयकारों के साथ ही महिलाओं ने खूब भक्ति नृत्य किये।