एयरपोर्ट और 10 कमरों की होटलों में अब खुल सकेंगे बार

-राज्य सरकार ने जारी की नई राजस्थान आबाकारी एवं मद्यसंयम नीति 2025-29
-प्रदेश के पर्यटन शहरों में मिलेंगे सीजन लाइसेंस
-राजेश वर्मा
उदयपुर, 31 जनवरी। राज्य सरकार ने नई राजस्थान आबाकारी एवं मद्यसंयम नीति 2025-29 जारी कर दी है। यह नीति 1 अप्रेल 2025 से 31 मार्च 2029 तक लागू रहेगी। इसमें एयरपोर्ट पर और शहरों में 10 कमरों की होटल को भी बार लाइसेंस देने का प्रावधान किया गया है। नई नीति में जैसलमेर रणकपुर माउंटआबू पुष्कर कुंभलगढ़ जंवाई और सवाईमाधोपुर जैसे पर्यटन शहरों में सीजन लाइसेंस देने का भी प्रावधान किया गया है। इस आबकारी नीति में खास बात यह है कि राजस्थान में सभी एयरपोर्ट्स पर अब बार खोले जा सकेंगे।

संयुक्त शासन सचिव वित्त (आबकारी) के अनुसार नई आबकारी नीति के प्रावधानों की वार्षिक समीक्षा का प्रावधान रखने के साथ ही मदिरा दुकानों के बंदोबस्त में पारदर्शिता के साथ सरलीकरण किया गया है। मदिरा दुकानों की संख्या यथावत 7665 रखते हुए जिलेवार समूहों का गठन किया गया है। वर्तमान अनुज्ञाधारियों को वर्ष  2025:26 के लिए नवीनीकरण के अवसर रखे गए हैं। नवीनीकरण से शेष रही दुकानों का समूहवार ऑनलाइन नीलामी, ई-बिड द्वारा आवंटन, प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत गारंटी राशि बढ़ाते हुए पूर्ण नीति अवधि अर्थात चार वर्ष क लिए नवीनीकरण करने, हेरिटेज मदिरा (आरएसजीएसएम), वाईन तथा बीईओ के लिए फैक्ट्री आउटलेट/ब्राण्ड शॉप की अनुमति, वार्षिक गारंटी राशि के आधार पर ऑनलाईन नीलामी द्वारा मॉडल शॉप का आवंटन का प्रावधान रखा गया है।

नई आबकारी नीति में यह रखे गए हैं प्रावधान : -आईएमएफएल के लिए वर्तमान 9 स्लैब आधारित आबकारी डूयटी की व्यवस्था के स्थान पर आबकारी ड्यूटी की केवल दो दरे निर्धारित की गई है। इसमें एक हजार रुपए तक ईडीपी के लिए 310 प्रति एलपीएल+ईडीपी का 75 प्रतिशत, एक हजार रुपए ईडीपी से अधिक के लिए 370 प्रति एलपीएल+ईडीपी का 75 प्रतिशत निर्धारित करना।

-बीयर के लिए भी आबकारी ड्यूटी की दो दरें निर्धारित की गई है जिसमे माइल्ड बीयर पर ईबीपी का 185 प्रतिशत व स्ट्रांग बीयर पर ईबीपी का 200 प्रतिशत।

-मदिरा दुकानों के अनुज्ञाधारियों को आईएमएफएल के लिए आरएसबीसीएल सेलिंग प्राईस पर 27 प्रतिशत (8 हजार रुपए से अधिक ईडीपी पर 20 प्रतिशत) मार्जिन का निर्धारण।

-आईएमएफएल, बीयर, वाईन आदि के आपूर्तिकर्ताओं को ईडीपी, ईबीपी, ईडब्ल्यूपी निर्धारण की स्वतंत्रता तथा एक वर्ष में अधिकतम 5 प्रतिशत की सीमा में कमी/वृद्धि की अनुमति।

-देशी मदिरा के लिए आबकारी डूयटी को कीमतों के साथ संबद्ध करते हुए नियंत्रित मूल्य वृद्धि का प्रावधान रखा है जिसमें राज्य में मदिरा की मात्रा को नियंत्रित रखने तथ्ज्ञा ईडीपी वृद्धि के साथ टैक्स की राशि में भी वृद्धि के दृष्टिग्रत देशी मदिरा व आरएमएल के लिए भी ad-valorem अबाकारी ड्यूटी-40 यूपी, 50 यूपी, 60 यूपी देशी मदिरा व आरएमएल के लिए निर्गम मूल्य (ईडीपी) का क्रमश: 165 प्रतिशत, 115 प्रतिशत व 185 प्रतिशत की दर का निर्धारण किया गया है। इसी तरह देशी मदरा व आरएमएल के लिए निर्गम मूल्य (ईडीपी) में 4 प्रतिशत व पव्वों (180 एमएल) की एमएसपी/एमआरपी में 5 रुपए तक की वृद्धि हो सकेगी।

-मदिरा उत्पादन इकाईयां/बार के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण द्वारा उद्यम को प्रोत्साहन किया गया है जिसमें एयरपोर्ट पर बार बा प्रावधान, होटल बार के लिए न्यूनतम 10 कमरों की संख्या निर्धारित की गई है। सभी प्रकार की अनुमति, लाईसेंस व परमिट आदि ऑनलाईन ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था, मदिरा उत्पादकों/आपूर्तिकर्ताओं को अपने परिसर के अतिरिक्त अन्य राज्यों पर भी होलसेल ब्राण्ड स्थापना की अनुमति, मदिरा उत्पादन इकाईयों यथा डिस्टिलरीज/ब्रेवरीज/बोटलिंग प्लांट की स्थापना जल संसाधन/भू-जल विभाग द्वारा जारी जल उपयोग  नीति के प्रावधानों के अनुसार स्थापित करने की अनुमति, इथेनॉल उत्पादन इकाईयों (डिस्टिलरीज) की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए लाईसेंस फीस को कम करके 5 से 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया है।

-मद्यसंयम के नीतगत निर्देश के प्रावधान भी रखे गए है। इसमें मदिरा उपभोग प्रोत्साहित करने वाले विज्ञापनों पर कार्रवाई की व्यवस्था, मदिरा पात्रों व दुकानों पर मदिरा उपयोग के दुष्प्रभावों की सुस्पष्ट चेतावनी का अंकन, अवयस्कों को नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक तथा सार्वजनिक स्थलों पर मद्य सेवन पर जुर्माना करने का प्रावधान रखा गया है।

-अवैध मदिरा पर प्रभावी नियंत्रण का ध्यान भी रखा गया है जिसमें समीपवर्ती राज्यों से अवैध मदिरा पर रोक लगाने के लिए पुलिस के साथ समन्वय करते हुए संयुक्त जांच दलों का गठन, मुखबीर प्रोत्साहन योजना का उपयोग कर अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित कर प्रभावी रोकथानम की व्यवस्था, सीमावती जिलों में संभागीय आयुक्त् की अध्यक्षता में आबकारी, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा।

By Udaipurviews

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