5 से 7 जनवरी तक पाश्र्वनाथ भगवान का अष्ठम तप तेला का होगा आयोजन
उदयपुर, 3 जनवरी। श्री जैन श्वेतम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के तत्वावधान में बुधवार को ईडर पावापूरी तीर्थ के निर्माता परम पूज्य आचार्य देव कल्याणसागर सूरीश्वर महाराज, आचार्य राजतिलक सागर सूरीश्वर, मुनि धर्मकीर्ति सागर, बाल मुनिराज धर्मराज सागर, आचार्य रत्नदेव सुरिश्वर आदि ठाणा का मालदाल दास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन में मंगल प्रवेश हुआ। मूर्तिपूजक श्रीसंघ के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आचार्यश्री की अगवानी में नवकारसी का लाभ यशवंत जैन, हंसा देवी जैन, मयंक जैन, पियुष जैन ने लिया। आचार्य संघ की शोभायात्रा मुखर्जी चौक स्थित ओसवाल भवन से गाजे-बाजे के साथ निकली जो सिंधी बाजार, तेलियों की माता होते हुए मालदाल दास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन पहुंची। जहां पर धर्म सभा का आयोजन हुआ। इस दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्यश्री ने तप की महिमा बताई, तप से आत्मा की शुद्धी होती है। जीवन में धर्म पथ पर चलकर हमेशा मोक्ष की ओर अग्रसर रहे। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर शुभ-अशुभ निमित्तों का असर अवश्य होता है। शुभनिमित्त को पाकर मन शुभ शान को पाता है और अशुभ निमित्त को पाकर अशुभ मान को प्राप्त करता है। चंचल पित को लशीभूत करने के लिए, इन्द्रियों को शांत करने के लिए और विषयों से विरक्ति पाने के लिए देवाधिदेव परमात्मा की प्रतिमा एक सर्वश्रेष्ठ आलंबन है। इसलिए परमात्मा की सेवा पूजा सिचना करना अत्यन्त आवश्यक है। महामंत्री नाहर ने बताया कि आचार्य संघ का गुरुवार को धूलकोट मंदिर से सुबह 8.30 बजे आयड़ तीर्थ पर अष्ठम तप की आराधना के लिए मंगल प्रवेश होगा। जहां आचार्य संघ के सान्निध्य में 5 जनवरी से 7 जनवरी तक पाश्र्वनाथ भगवान का अष्ठम तप तेला का आयोजन होगा। यह पूरे देशभर में एक साथ आयोजित होगा। इस अवसर पर श्रीसंघ अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र हिरण, कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया, रणजीत सिंह मेहता, तेजसिंह बोल्या, राजेन्द्र कोठारी, श्यामलाल हरकावत, गजेन्द्र सुराणा आदि मौजूद रहे।
आचार्य राजतिलक सागर सुरिश्वर संघ का आराधना भवन में हुआ मंगल प्रवेश
