उदयपुर। आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी ने उदयपुर विहार की घोषणा की। इसको लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल देखने को मिला।
सुप्रकाश ज्योति मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि सुप्रकायामति माताजी को उदयपुर के विहार करने के लिये आमंत्रित करने हेतु उदयपुर से 50 श्रावक-श्राविकाओं का एक दल आदिनाथ मोक्ष एवं अभिनन्दन सागर समाधि दिवस त्रिमूर्ति अभिनन्दन साधना केंद्र पर पंहुचा।
गुरु माँ अपनी तीर्थ वनंदन की यात्रा करके वहंा 8 आर्यिकाओं के साथ वहंा पहुंची थीं। गुरु माँ उत्तर भारत की जैन के महा तीर्थ की 521 वंदना एवं अयोध्या बनारस कोशम्बी पंच तीर्थ आदि कई जैनों के तीर्थ के दर्शन के बाद करीब एक वर्ष मे 3500 किलोमीटर मीटर की यात्रा कर वहंा पहुँची। उन्हें उदयपुर शहर के जैन मतावलम्बी उदयपुर आयें इस भावना के साथ वहा पहुँचे। सभी ने गुरु माँ को विनती की और गुरु माँ ने उदयपुर शहर मे आने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम तो झीलांे की नगरी को अपने दिल मंे रखते है और वहंा हम 2 फरवरी 2025 को पहुंचेंगे और प्रथम ध्यानोदय तीर्थ के कामधेनु शांति नाथ के दर्शन करेंगे।
माताजी 30 जनवरी को प्रातः विहार कर सलूम्बर आहार चर्या करते हुए वहंा प्रवचन करेंगे और दोपहर करेंगे। इस प्रकार 1 फरवरी जयसमंद ओड़ा में रात्री विश्राम कर 2 फरवरी ढ़ोल की पाटी जैन मंदिर आहार करते हुए दोपहर करीब 2.30 बजे ध्यानोदय तीर्थ बालीचा पहुंचगे। जहाँ सकल जैन समाज की ओर से भव्य स्वागत किया जायेगा।
ध्यानोदय तीर्थ बालीचा के चेयरमैन ओम प्रकाश गोदावत ने बताया कि उदयपुर से जय दोशी, लक्ष्मी लाल मालवी, बी एल गोदावत, दीपक जैन, सुरेश डागरिया, दिलीप गोदावत, प्रितेश वगैरिया, पुष्पेंद्र धन्नावत, कवि कमलेश अखावत, मनोज पाटनी, जम्बू कंठालिया, गुनभद्र वनावत, जमना लाल पंचोली मुंडलिया और भी कई श्रावक श्राविका गये थे। ध्यानोदय तीर्थ पर आगामी 10 एवं 11 फरवरी को भव्य छठां वार्षिक उत्सव एवं स्वर्ण शिखर कलाशरोहन की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन आज गुरु माँ के सानिध्य मे किया गया।