उदयपुर। तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम, जैन इंजीनियर्स सोसाइटी व माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संबोध कार्यशाला के तहत बेसिक्स एंड बेनिफिट्स ऑफ़ एक्यूप्रेशर विषय पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुनि संबोध कुमार मेधान्श ने कहा कि एक्यूप्रेशर एक अहिंसक चिकित्सा पद्धति है जो भारत वर्ष की बहुत पुरानी पद्धति है जिसमे नमस्ते करना, हाथ मिलाना आदि हमारी संस्कृति से जोड़ दिया गया था, परंतु वर्तमान मे यह चायना से आयातित पद्धति जानी जाती है | हमारी दुनिया में जितनी बीमारियां है उतनी ही चिकित्सकीय पद्धतियां है | एक्यूप्रेशर एक इकलौती स्वयं से स्वयं की चिकित्सा प्रणाली है जो कहीं भी कभी भी की जा सकती है | मुख्य वक्ता पूर्व उपाध्यक्ष रोल्टा इंडिया लिमिटेड, डॉक्टर अल्पना बोहरा ने कहा कि हमारे हाथ संपूर्ण शरीर का प्रतिनिधित्व करते हैं | हाथ के पॉइंट्स समझ में आ जाए तो शरीर के रहस्य और रोग के कारण स्वयं ही समझ आ जाएंगे | उन्होंने कहा अगर हम सुबह-सुबह खुली हवा में ताली बजाते हैं तो शरीर के सारे पॉइंट स्वयं कवर हो जाते हैं | डॉक्टर बोहरा ने किडनी, बोन्स, फ्रोजन शोल्डर, बीपी सहित अनेक बीमारियों की एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का लाईव प्रेजेंटेशन दिया |
स्वागत व मंच संचालन करते हुए तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम व जैन इंजीनियर्स सोसाइटी के अध्यक्ष अरुण कोठारी ने बताया कि तीनों संस्थाएं इस प्रकार कि मासिक कार्यशालाएँ नियमित रूप से आयोजित करती है उसी कड़ी मे आज संयुक्त रूप से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है | उन्होने बताया कि यह एसी चिकित्सा पद्धति है जिसमे न तो कोई खर्चा होता है व न ही इसका कोई साइड इफैक्ट है |
मुख्य वक्ता का सम्मान जैन इंजीनियर्स सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष बी एल खमेसरा, सचिव प्रकाश जैन, सरंक्षक सदस्य एम पी जैन, तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम के सचिव राजेंद्र चंडालिया, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष मुकेश बोहरा, माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन के सह सचिव सुनील वशिष्ट ने किया | आभार माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मधुसूदन पालीवाल ने जताया |
कार्यक्रम मे टी पी एफ, जे ई एस व एम ई ए आई के 50 से भी अधिक सदस्यों ने भाग लिया तथा एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति को सीखा एवं अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया |