विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर रंगोली व कैंडल लाईट द्वारा संदेश देकर एड्स से जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि

लोगों में एड्स के प्रति संकोच ही बीमारी फैलने का मुख्य कारण

भीलवाड़ा, 30 नवम्बर। बुधवार को विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर सूचना केन्द्र चौराहे पर रंगोली व कैंडल लाईट जलाकर पूर्व में एचआईवी संक्रमण से जान गंवाने वाले लोंगों को श्रंद्धाजली अर्पित कर एवं आमजन में एड्स के प्रति संकोच हीं बीमारी फैलने का मुख्य कारण है, का जागरूकता संदेश दिया गया। एच.आई.वी./एड्स रोकथाम में युवा वर्ग का बहुत बडा योगदान है। इसी उम्र की सावधानियों से जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस मौके पर विभागीय पदाधिकारी व स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य अपनी सहभागिता निभाकर हाथों में जलती हुई कैंडल लेकर चलते नजर आए।

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री राजपाल सिंह ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि एड्स की बीमारी से बचाव हेतु संकोच छोडकर समय पर जांच व उपचार के माध्यम से वायरस लोड को कम किया जा सकता है। एक बार ईलाज शुरू हो जाने के बाद, डरने जैसी कोई बात नहीं होती है। ऐसे मरीजों की केयर करने की आवश्यकता होती है और नियमित दवाओं के सेवन के पश्चात मरीज सामान्य जैसा हो जाता है। आम जन तक यह संदेश पहुंचाकर अधिकाधिक जागरूकता फैलाकर ही इस बीमारी से बचा सकता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 मुस्ताक खान ने बताया कि जिले में कार्यरत जिला एड्स नियत्रंण ईकाइ के माध्यम से जिले में एचआईवी के बचाव हेतु जागरूकता के कार्यक्रम किये जा रहे है। प्रवासी व्यक्तियो की संख्या अधिक होने से एचआईवी का प्रसार बढता है। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि वे घर से बाहर रहते हैं और असुरक्षित यौन संबंध बनाने की संभावना रहती है। तकलीफ होने के बाद भी संकोच के चलते वे जल्दी जांच नहीं कराते है। आमजन में जागरूकता के माध्यम से ही इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। एचआईवी संक्रमित होने पर डरने की जरूरत नही है, नियमित दवा के सहारे जीवन यापन किया जा सकता है।

इस दौरान सीएमएचओ डॉ. खान ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी को एड्स से बचाने के लिए लापरवाही को पूरी तरह से नकार दें और संकोच छोडकर जांच कराने हेतु जनसमुदाय में अधिक से अधिक जानकारी फैलायें। इस दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ हीं आईपीईएस संस्थान, मैट्रिक्स संस्थान, जीयूएमएस, साथी व बीएनपी प्लस आदि स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे।

जिला नोडल अधिकारी एचआईवी डॉ प्रदीप कटारिया ने बताया कि लोगों में एचआईवी एड्स के प्रति जानकारी की कमी एवं लोगों में इस बीमारी के प्रति संकोच बीमारी फैलने का मुख्य कारण बताया। संदेह होने पर बचाव के लिए समय पर जांच करवाना बहुत जरूरी है। डरे नहीं, केयर करें तथा हाईरिस्क लोग इसकी मॉनिटरिंग करवाते रहे। नियमित दवा लेने से वायरल लोड जीरो होता है। सामाजिक सम्मान व समानता तथा कलंक व भेदभाव नहीं हो यह ध्यान रखना होगा।

इन्होंने समाज में एड्स की बीमारी को लेकर फैल रही भ्रातियों के बारे में बताया की जैसे हाथ मिलाना, साथ खाना, पास बेठना, मच्छर काटने आदि से एच.आई.वी. का प्रसार नहीं होता है।

जिला एचआईवी/एड्स एआरटी नोडल अधिकारी डा0 अन्जु कोचर ने बताया कि एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति को जीवन में समय-समय पर जांच व नियमित दवा का सेवन आवश्यक है साथ ही खान-पान व व्यायाम करना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। एच.आई.वी. संक्रमण सें बचाव हेतु जीवन साथी के प्रति संयम व सुरक्षित यौन व्यवहार हो, मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त लेंवे, हमेशा नई सुई व सिरिंज का उपयोग करे, संक्रमित गर्भवती से होने वाले बच्चे के बचाव के लिए समय पर जांच व दवा दिलावें जिससे सुरक्षित प्रसव व बच्चे की नियमित जांच हो सके।

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री हरलाल मीणा ने बताया कि महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए जनसमुदाय की भागीदारी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। एच0आई0वी0 एड्स रोकथाम एंव नियंत्रण के लिए जिले एआरटी सेन्टर्स बनाया गया है। यहां एचआईवी के मरीजों का निःशुल्क ईलाज उपलब्ध करवाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए 1097 टोल फ्री नम्बर पर भी जानकारी ली जा सकती है।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!