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– उदयपुर रेलवे पुल ब्लास्ट मामले में पुलिस ने चार को पकड़ा
– तीन चचेरे भाई, विस्फोटक उपलब्ध कराने वाला भी शामिल, आतंकी वारदात का नहीं मिले सुराग

उदयपुर। उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन के बीच ओड़ा पुल ब्लास्ट के मामले में राजस्थान एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पांच दिन तक चली जांच के बाद राजस्थान एटीएस ने साजिश रचने वाले तीन चचेरे भाइयों और उन्हें विस्फोटक उपलब्ध कराने वाले युवक को पकड़ा है। तीन आरोपितों को उदयपुर के समीप एकलिंगपुरा गांव से, जबकि चौथे आरोपी को उदयपुर शहर के धौल की पाटी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। ब्लास्ट की साजिश रचने वाले आरोपितों ने कहा कि रेलवे की ओर से जमीन अधिग्रहण का मुआवजा कम मिलने की वजह से उन्होंने वारदात की। गौरतलब है कि गत शनिवार को उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन के बीच ओड़ा पुल को विस्फोट से उड़ाने का प्रयास किया गया था। इससे रेलवे लाइन को नुकसान पहुंचा था। इस लाइन पर 13 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के असावरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर शुरू किया था। मामले की गंभीरता को लेकर इसकी जांच एनआइए, एटीएस, एसओजी सहित अन्य एजेसिंयां कर रही थीं।
एटीएस-एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक राठौड़ ने जयपुर में प्रेसवार्ता करके बताया कि आरोपितों में फूलचंद मीणा, उसके चचेरे भाई विष्णु और उसका 17 वर्षीय नाबालिग भाई शामिल हैं। तीनों मूलरूप से जावरमाइंस के समीप एकलिंगपुरा के रहने वाले हैं। उन्होंने उदयपुर के विस्फोटक विक्रेता धौल की पाटी निवासी फतहलाल सुहालका के बेटे अंकुश से विस्फोटक खरीदा। आरोपित फूलचंद हिन्दुस्तान जिंक में काम करता था और उसे विस्फोटकों के बारे में पूरी जानकारी थी। अभी तक की गई पूछताछ में उनका कहना था कि उनका उद्देश्य जनहानि पहुंचाना नहीं था। डूंगरपुर जिले में मिली विस्फोटक जिलेटिन छड़ों का भी इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, साजिश में इनके साथ और कौन-कौन शामिल था, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह अपनी जमीन के अधिग्रहण का पैसा कम मिलने से नाराज थे और इसी के चलते उन्होंने ब्लास्ट कर पुल को उड़ाने का प्रयास किया था। इससे नक्सली और आतंकी वारदात को लेकर जांच कर रही एजेंसियों को राहत मिली है।
मोबाइल बंद करके छिपे थे आरोपित
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि तीनों की उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन के पास जमीन थी। जिस पर ट्रेक बनने के दौरान उनकी जमीन रेलवे ने अधिग्रहित कर ली, जिसका उन्हें मामूली मुआवजा मिला। इसके बाद उन्होंने रेलवे लाइन उड़ाने की साजिश रची। वारदात के बाद से तीनों अपने-अपने मोबाइल बंद कर उदयपुर के सवीना क्षेत्र में छिपे हुए थे।
ट्रेन निकलने के बाद लगाया था विस्फोटक
एडीजी राठौड़ ने बताया कि आरोपितों से जानकारी दी है कि तीनों ने उदयपुर से अहमदाबाद के लिए ट्रेन रवाना होने के बाद ही पुल पर विस्फोटक लगाया था। विस्फोटक लगाने के बाद तीनों बाइक से निकल गए थे।

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